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HDFC और पंजाब एंड सिंध बैंक को झटका, RBI ने ठोका जुर्माना, अब ग्राहकों के पैसे का क्या होगा

प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी पर भारतीय रिजर्व बैंक ने 75 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है. ऐसा एचडीएफसी की तरफ के कुछ नियमों में हुई चूक के बाद किया गया है. आरबीआई की तरफ से जारी किए गए बयान के अनुसार, ये जुर्माना केवाईसी दिशा-निर्देशों के अनुपालन में हुई चूक की वजह से लगाया गया.

आरबीआई ने बयान में आगे कहा- एचडीएफसी बैंक ने कुछ कस्टमर्स को उनकी जोखिम श्रेणी (यानी कम, मध्यम और उच्च) के आधार पर वर्गीकृत नहीं किया गया. इसके अलावा, एचडीएफसी ने कुछ कस्टमर्स को यूनिक कस्टमर आइडेंटिफिकेशन (यूसीआईसी) देने की बजाय कई पहचान कोड जारी कर दिए.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से 31 मार्च 2023 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर एक नियामकीय निरीक्षण भी किया था.  इसके अलावा, KLM Axiva Finvest पर भी आरबीआई की तरफ से 10 लाख रुपये जुर्माने के तौर पर लगाया है. ये एक नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी है. उसके ऊपर जुर्माना आरबीआई डायरेक्शंस 2023 के तहत लाभांश घोषणा संबंधी नियमों के पालन न करने की वजह से किया गया.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने बयान में बताया कि KLM Axiva Finvest ने फाइनेंशियल ईयर 2023024 के लिए लाभांश घोषित किया, जबकि वो पिछले तीन फाइनेंशियल ईयर में न्यूनतम नियामकीय आवश्यकताओं को पूरी नहीं कर पाई थी.

इसी तरह से पंजाब एंड सिंध बैंक पर 68.20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. इसने बैंकों में बड़े शेयर्ड रिस्क के लिए बनाई जाने वाली एक सेंट्रलाइज्ड रिपॉजिटरी को बनाने, बैंकिंग सेवाओं तक सबकी पहुंच और बुनियादी बचत बैंक जमा खाता से जुड़े नियमों का सही पालन नहीं किया.

गौरतलब है कि आरबीआई बैंकिंग सिस्टम के लिए एक रेगुलेटरी के तौर पर काम करते हैं. बैंकिंग गाइडलाइंस का पालन कराने की जिम्मेदारी आरबीआई की ही होती है. हालांकि, बैंकों पर आरबीआई की तरफ से लगाए गए इस जुर्मानें से ग्राहकों की सेवाओं पर किसी तरह का कोई असर नहीं होगा.

इन मोबाइल नंबरों पर 1 अप्रैल से काम नहीं करेगा UPI, 31 मार्च तक बैंक करेंगे रिमूव

नई दिल्ली: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के नए नियम के मुताबिक, इनएक्टिव या फिर से असाइन किए गए मोबाइल नंबरों पर 1 अप्रैल से UPI सेवाएं बंद हो जाएंगी. एनपीसीआई ने अनिवार्य कर दिया है कि बैंक और PSP (पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर) कम से कम हफ्ते में एक बार मोबाइल नंबर निरस्तीकरण सूची (MNRL) का उपयोग करके मोबाइल नंबर रिकॉर्ड अपडेट करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इनएक्टिव या फिर से असाइन किए गए मोबाइल नंबर UPI से जुड़े न रहें.

यूपीआई यूजर्स से भी अनुरोध किया गया है कि सेवा बंद होने से पहले सुनिश्चित कर लें कि उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर सक्रिय हैं.

NPCI क्यों कर रहा बदलाव

यूपीआई से जुड़े इनएक्टिव मोबाइल नंबर सुरक्षा जोखिम पैदा करते हैं. जब यूजर अपने नंबर बदलते या इनएक्टिव करते हैं, तो उनके UPI खाते अक्सर एक्टिव रहते हैं, जिससे उनका गलत इस्तेमाल होने की संभावना रहती है. इसी प्रकार, अगर किसी मोबाइल नंबर को किसी नए यूजर को फिर से जारी किया जाता है, तो UPI लेनदेन में गड़बड़ी होने की संभावना रहती है. इससे पैसा गलत व्यक्ति के खाते में जा सकता है और धोखाधड़ी भी हो सकती है.

एनपीसीआई ने इन सुरक्षा जोखिमों को दूर करने के लिए निर्देश दिया है कि बैंक और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर अपने डेटाबेस से इनएक्टिव मोबाइल नंबरों की पहचान करने और उन्हें डिलीट करने के लिए दूरसंचार विभाग के डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (डीआईपी) पर मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (MNRL) का उपयोग करके अपने रिकॉर्ड अपडेट करेंगे.

NPCI के दिशा-निर्देश

  • बैंक और पीएसपी समय-समय पर इनएक्टिव या दोबारा असाइन किए गए मोबाइल नंबरों की पहचान करेंगे और हटाएंगे
  • ऐसे यूजर्स को उनकी UPI सेवाएं निलंबित होने से पहले सूचना दी जाएगी
  • बैंक और पीएसपी ऐसे मोबाइल नंबरों को हटाने के लिए अपने रिकॉर्ड अपडेट करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि UPI लेनदेन सिर्फ वैध और एक्टिव यूजर्स से ही जुड़े हों
  • यूजर समय सीमा से पहले अपना मोबाइल नंबर अपडेट करके UPI सेवा बहाल कर सकते हैं.

ऐसे लोग होंगे प्रभावित

  • ऐसे यूजर जिनके इनएक्टिव मोबाइल नंबर लंबे समय से कॉल, SMS या बैंकिंग अलर्ट के लिए उपयोग नहीं किए गए हैं.
  • ऐसे यूजर जिन्होंने अपने बैंक विवरण अपडेट किए बिना अपना नंबर सरेंडर कर दिया है.
  • ऐसे यूजर जिनका पुराना नंबर किसी और को दोबारा जारी कर दिया गया है

UPI के लिए मोबाइल नंबर क्यों जरूरी

बैंक खाते से लिंक मोबाइल नंबर OTP सत्यापन के लिए बहुत जरूरी होता है. अगर यह इनएक्टिव हो जाता है और फिर से किसी दूसरे व्यक्ति को जारी कर दिया जाता है, तो आप लेन-देन नहीं कर सकते हैं या पैसा गलत खाते में जा सकता है.

वोडाफोन आइडिया ने सरकार से फिर लगाई मदद गुहार, क्या मिलेगी कोई बड़ी राहत?

भारी वित्तीय संकट का सामना कर रहे टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर वोडाफोन आइडिया ने केन्द्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है. टेलीकॉम कंपनी के सामने इस वक्त बड़ी समस्या एजीआर (Adjusted Gross Revenue) और बकाए स्पेक्ट्रम भुगतान की है.

दूरसंचार सचिव नीरज मित्तल को वोडाफोन आइडिया की तरफ से 11 मार्च को एक पत्र लिखा गया, जिसमें अपने बकाए का बड़ा हिस्सा इक्विटी में बदलने की मांग की गई है. एनडीटीवी प्रोफिट की रिपोर्ट के अनुसार, टेलीकॉम कंपनी के इस प्रस्ताव को अगर सरकार की तरफ से माना जाता है तो सरकार की इसमें हिस्सेदारी बढ़कर 49 फीसदी हो जाएगी तो वर्तमान में 22.6 फीसदी है.

दरअसल, सरकार से वोडाफोन आइडिया ने 36 हजार 950 करोड़ रुपये के एजीआर और स्पेक्ट्रम बकाए के तौर पर राहत की मांग की है, जिसमें से 13 हजार 89 करोड़ रुपये अगले कुछ हफ्ते में कंपनी के देना है. लेकिन उसके लिए कंपनी के पास पैसे नहीं है. यही वजह है कि टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर की तरफ से 2021 टेलीकॉम रिलीफ पैकेज के तौर पर मदद चाह रही है.

अगर सरकार की ओर से वोडाफोन आइडिया की ये मांग मानी जाती है तो टेलीकॉम कंपनी को करीब 52 हजार करोड़ रुपये की राहत मिल सकती है. हालांकि, ऐसी खबर हाल में आयी थी कि सरकार इन टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर बकाए में किसी भी तरह के छूट देने के मूड में नहीं है.

वोडाफोन आइडिया की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पिछले साल यानी 2025 में एक क्यूरेटिव पेटिशन दायर कर एजीआर की गणना में गैर कोर राजस्व को शामिल करने पर विरोध जताया गया था. लेकिन, कोर्ट की तरफ से याचिका को खारिज कर बड़ा झटका कंपनी को दिया गया था.

टेस्ला की भारत में एंट्री, टाटा की इन कंपनियों की होगी बल्ले-बल्ले

टाटा ऑटोकॉम्प, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा टेक्नोलॉजीज और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स चुपचाप से एलन मस्क की कंपनी टेस्ला के ग्लोबल सप्लायर बन गए हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा ग्रुप ने कॉम्पोनेंट्स के ग्लोबल सप्लायर के रूप में  इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली अमेरिकी कंपनी टेस्ला के साथ पार्टनरशिप की है. एक तरफ टेस्ला भारतीय बाजारों में एंट्री लेने की तैयारियों में जुटी है, दूसरी तरफ टाटा कंपनी के लिए एक लोकल सप्लायर के रूप में खुद को तैयार कर रही है.

लोकल सप्लायर्स संग टेस्ला के अधिकारियों की मुलाकात

मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि टेस्ला के अधिकारियों ने अपने लोकल सप्लायर्स से मुलाकात कर कास्टिंग, फोर्जिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और फैब्रिकेशन के डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग पर चर्चा की है. पहले से ही कई ऐसी भारतीय कंपनियां हैं, जो टेस्ला को कई ऑटो कॉम्पोनेंट्स सप्लाई करते आ रहे हैं. इनमें संवर्धन मदरसन, सुप्रजीत इंजीनियरिंग, सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिजन फोर्जिंग्स, वैरोक इंजीनियरिंग, भारत फोर्ज और संधार टेक्नोलॉजीज शामिल हैं.

टेस्ला को चीन औी ताइवान के विकल्प की तलाश

नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक सूत्र ने ET को जानकारी दी, टेस्ला भारत में सप्लायर का एक बेस बनाने की तैयारी कर रही है. हमें पूरा यकीन है कि भारत में एक बार टेस्ला की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट स्टार्ट हो जाने पर भारतीय सप्लायरों को सोर्सिंग के अवसरों का लाभ मिलेगा.

सूत्रों के मुताबिक, टेस्ला ऑटो कॉम्पोनेंट्स की खरीद के लिए चीन और ताइवान के विकल्पों की तलाश में है. इन कॉम्पोनेंट्स में इनमें वायरिंग हार्नेस, इलेक्ट्रिक मोटर, गियरबॉक्स, जाली घटक, कास्टिंग, शीट मेटल, परिष्कृत इलेक्ट्रॉनिक्स, सस्पेंशन सिस्टम, इलेक्ट्रिक पावरट्रेन और बॉल और सिरेमिक बियरिंग शामिल हैं.

ईवी इंजीनियरिंग सर्विस में टाटा को महारथ

टाटा के इकोसिस्टम में ऑटोकॉम्प ईवी इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स बनाती है. जबकि टाटा टेक्नोलॉजी अलग-अलग प्रोडक्ट्स के लिए आउटसोर्स प्रोडक्ट इंजीनियरिंग सर्विस के साथ-साथ डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन सर्विस और अपस्किलिंग सॉल्यूशन मुहैया कराती है. टीसीएस सर्किट-बोर्ड टेक्नोलॉजी की सप्लाई करती है और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट बनने के बाद चिप्स प्रोवाइड करेगी.

टेस्ला भारत में अपना मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और तेलंगाना जैसे कई राज्यों की सरकारों के साथ चर्चा भी कर रही है.

रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल हुए नोएल टाटा, डेरियस खंबाटा ने RTET से दिया इस्तीफा

नई दिल्ली: टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष नोएल टाटा, शिरीन और डीनना जीजीभॉय के साथ रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट (RTET) बोर्ड में शामिल हो गए हैं, जो दिवंगत रतन टाटा की सौतेली बहनें हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा ट्रस्टी, प्रमित झावेरी और डेरियस खंबाटा ने ये नियुक्तियां की हैं. ट्रस्ट ने टाटा समूह के दो अधिकारियों, आरआर शास्त्री और जमशेद पोंचा का भी नए सदस्यों के रूप में स्वागत किया है. ET की एक रिपोर्ट के अनुसार इन नियुक्तियों के बाद, खंबाटा ने RTET बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है.

रिपोर्ट के मुताबिक आरटीईटी में आपसी हितों की स्केलेबल परियोजनाओं पर टाटा ट्रस्ट के साथ मिलकर काम करने की क्षमता है. डीनना और शिरीन जीजीभॉय दोनों रतन टाटा की वसीयत के निष्पादक के रूप में काम करते हैं. कानूनी विशेषज्ञ इस बात की पुष्टि करते हैं कि वसीयत के लाभार्थियों या निष्पादकों को वसीयत में उल्लिखित संगठनों में पद धारण करने से रोकने के लिए कोई प्रतिबंध नहीं हैं. वे ध्यान देते हैं कि व्यक्तिगत कानून निजी होते हैं और आमतौर पर वसीयत में प्रतिबंधात्मक तत्व नहीं लगा सकते हैं.

रतन टाटा की संपत्तियों का वितरण वसीयत के प्रोबेट से गुजरने और उच्च न्यायालय से प्रमाणन प्राप्त करने के बाद शुरू होगा, एक ऐसी प्रक्रिया जिसके लिए आमतौर पर छह महीने तक का समय लगता है. रतन टाटा ने संपत्ति नियोजन उद्देश्यों के लिए रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन के साथ मिलकर इस व्यक्तिगत बंदोबस्ती ट्रस्ट की स्थापना की, ट्रस्ट की कॉर्पस आय को भविष्य की धर्मार्थ पहलों का समर्थन करने के लिए आवंटित किया गया.

Maruti ने दिया तगड़ा झटका! ऑल्टो से लेकर ब्रेजा तक, अगले महीने से इतनी महंगी हो जाएंगी कारें

नई दिल्ली: मारुति सुजुकी इंडिया ने सोमवार को कहा कि वह बढ़ती इनपुट लागत के प्रभाव को कम करने के लिए अप्रैल से वाहनों की कीमतों में 4 फीसदी तक की बढ़ोतरी करेगी. देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी ने नियामक फाइलिंग में कहा कि बढ़ती इनपुट लागत और परिचालन व्यय के मद्देनजर कंपनी ने अप्रैल से अपनी कारों की कीमतों में बढ़ोतरी करने की योजना बनाई है.

उन्होंने कहा कि मूल्य बढ़ोतरी 4 फीसदी तक होने की उम्मीद है और यह मॉडल के आधार पर अलग-अलग होगी. कंपनी ने कहा कि हालांकि कंपनी लागत को अनुकूलतम बनाने और अपने ग्राहकों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन बढ़ी हुई लागत का कुछ हिस्सा बाजार पर डालना पड़ सकता है.

मारुति सुजुकी घरेलू बाजार में एंट्री-लेवल ऑल्टो के-10 से लेकर मल्टीपल पर्पज व्हीकल इनविक्टो तक के मॉडल बेचती है. जनवरी में कंपनी ने 1 फरवरी से विभिन्न मॉडलों की कीमतों में 32,500 रुपये तक की बढ़ोतरी की घोषणा की थी.

मारुति सुजुकी की बिक्री

मारुति सुजुकी ने फरवरी 2025 में कुल 199,400 वाहन बेचे, जो पिछले साल इसी महीने में बेची गई 197,471 इकाइयों से 0.97 फीसदी की मामूली बढ़ोतरी है. फरवरी 2025 में कुल बिक्री में 163,501 यूनिट घरेलू बिक्री, 10,878 इकाइयों की अन्य ओईएम को बिक्री और 25,021 इकाइयों का निर्यात शामिल था. निर्यात में साल-दर-साल (YoY) 13.5 फीसदी की गिरावट देखी गई.

पिछले महीने मारुति सुजुकी की कुल घरेलू यात्री वाहन (PV) बिक्री 0.32 फीसदी बढ़कर 160,791 इकाई हो गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 160,271 यूनिट थी.

OYO का धमाका ऑफर, भारत में 1000 होटलों में मुफ्त में ठहरने का सुनहरा मौका

अगर आप घूमने-फिरने या अचानक किसी ट्रिप की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। ओयो होटल (OYO Hotels) ने अपने ग्राहकों के लिए एक बेहतरीन ऑफर जारी किया है, जिसके तहत लोग मुफ्त में आलीशान होटल में ठहर सकते हैं। यह ऑफर देशभर के 1000 से अधिक होटलों में लागू किया गया है, जिसमें प्रीमियम, बजट, कलेक्शन-ओ और टाउनहाउस जैसी सभी कैटेगरी के होटल शामिल हैं।

ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल (Ritesh Agarwal) ने हाल ही में इस खास ऑफर की जानकारी देते हुए एक्स पर पोस्ट किया था। उन्होंने कहा कि यह वीकेंड खास बनाने का सही समय है, इसलिए लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ बेहतरीन अनुभव लें और यादगार लम्हों को संजोएं।

अब यह सवाल उठ सकता है कि OYO ने ग्राहकों के लिए यह मुफ्त होटल स्टे की पेशकश आखिर क्यों की है? दरअसल, हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार जीत दर्ज की है, वहीं होली का त्योहार भी है। इन दो बड़े अवसरों को सेलिब्रेट करने के लिए OYO ने अपने ग्राहकों को यह खास सौगात दी है।

इस ऑफर का फायदा उठाने के लिए ग्राहकों को OYO की आधिकारिक वेबसाइट या OYO app पर जाकर बुकिंग करनी होगी। बुकिंग के दौरान स्पेशल कूपन कोड CHAMPIONS का उपयोग करना होगा। हालांकि, यह ऑफर 13-18 मार्च तक प्रतिदिन सिर्फ पहले 2000 ग्राहकों के लिए ही उपलब्ध है, इसलिए जल्दी बुकिंग करने वालों को ही इसका लाभ मिलेगा।

ओयो की यह पहल किसी तोहफे से कम नहीं है। अगर आप भी मुफ्त में शानदार होटल में स्टे करने का अनुभव लेना चाहते हैं, तो तुरंत अपनी बुकिंग करें और इस सुनहरे मौके का फायदा उठाएं।

IndusInd Bank मामले पर RBI से आया बड़ा अपडेट! कहा- बैंक के पास पर्याप्त पूंजी, अफवाहों पर ध्यान न दें

बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ग्राहकों को आश्वस्त किया कि इंडसइंड बैंक के पास पर्याप्त पूंजी है. ग्राहकों की चिंताओं को दूर करते हुए आरबीआई ने कहा कि जमाकर्ताओं को इस समय अटकलों पर प्रतिक्रिया देने की कोई आवश्यकता नहीं है.

केंद्रीय बैंक ने बैंक के निदेशक मंडल को निर्देश दिया कि वह अनुमानित 2,100 करोड़ रुपये की लेखा विसंगति से संबंधित सुधारात्मक कार्रवाई इसी महीने पूरी कर ले. इंडसइंड बैंक ने इसी सप्ताह ऑडिटिंग में गड़बड़ी का खुलासा किया था. इसका बैंक के नेटवर्थ पर 2.35 प्रतिशत असर पड़ने का अनुमान है. खुलासे के तुरंत बाद, बैंक के शेयरों की कीमत में भारी गिरावट देखी गई. आरबीआई ने एक बयान में कहा कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध खुलासों के आधार पर बैंक ने पहले ही अपने मौजूदा तंत्र की व्यापक समीक्षा करने और वास्तविक प्रभाव का आकलन करने और उसका हिसाब लगाने के लिए एक बाहरी लेखा परीक्षा टीम को नियुक्त कर लिया है.

केंद्रीय बैंक ने कहा, “बोर्ड और प्रबंधन को रिजर्व बैंक द्वारा निर्देश दिया गया है कि वे सभी हितधारकों को आवश्यक खुलासे करने के बाद, जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान पूरी तरह से सुधारात्मक कार्रवाई पूरी कर लें.” ग्राहकों की चिंताओं को दूर करते हुए आरबीआई ने कहा कि जमाकर्ताओं को इस समय अटकलों पर प्रतिक्रिया देने की कोई आवश्यकता नहीं है. आरबीआई ने कहा कि इंडसइंड बैंक लिमिटेड से संबंधित कुछ अटकलें लगाई गई हैं, जो शायद बैंक से संबंधित हाल की घटनाओं से उत्पन्न हुई हैं. केंद्रीय बैंक ने ग्राहकों और निवेशकों को आश्वासन दिया कि बैंक की वित्तीय स्थिति स्थिर बनी हुई है और वह इस पर बारीकी से नजर रख रहा है.

इंडसइंड बैंक ने बताया कि पिछले साल सितंबर-अक्टूबर के आसपास अकाउंटिंग में चूक की बात सामने आई थी और बैंक ने पिछले हफ़्ते आरबीआई को इस बारे में प्रारंभिक जानकारी दी थी. बैंक के अनुसार, अंतिम संख्या तब पता चलेगी जब बैंक द्वारा नियुक्त बाहरी एजेंसी अप्रैल की शुरुआत में अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे देगी.

बैंक के वित्तीय मापदंडों को साझा करते हुए आरबीआई ने कहा कि बैंक अच्छी तरह से पूंजीकृत है और वित्तीय स्थिति संतोषजनक बनी हुई है. दिसंबर, 2024 तिमाही के लिए बैंक के लेखा परीक्षक द्वारा समीक्षा किए गए वित्तीय परिणामों के अनुसार, बैंक ने 16.46 प्रतिशत का आरामदायक पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) और 70.20 प्रतिशत का प्रावधान कवरेज अनुपात बनाए रखा है.

नौ मार्च, 2025 तक बैंक का तरलता कवरेज अनुपात (एलसीआर) 113 प्रतिशत था, जबकि नियामक आवश्यकता 100 प्रतिशत है. चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की शीर्ष संस्था ICAI लेखांकन में 2,100 करोड़ रुपये की विसंगतियों से जूझ रहे इंडसइंड बैंक के वित्तीय विवरणों की समीक्षा कर सकता है.

टाटा कम्युनिकेशंस बोर्ड ने एन गणपति सुब्रमण्यम को नियुक्त किया चेयरमैन, बोर्ड ने दी मंजूरी

मुंबई: टाटा कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने एन गणपति सुब्रमण्यम को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का चेयरमैन नियुक्त करने की घोषणा की है, जो आज से प्रभावी होगा. यह नियुक्ति नामांकन और रिम्यूनरेशन कमेटी की सिफारिश के बाद की गई है. सुब्रमण्यम 2 दिसंबर, 2021 को लिमिटेड के बोर्ड में गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में शामिल हुए.

टाटा कम्युनिकेशंस ने कहा कि गैर-कार्यकारी, गैर-स्वतंत्र निदेशक सुब्रमण्यम कंपनी की रणनीतिक दिशा तय करने के लिए नेतृत्व की भूमिका में आएंगे. वे 40 से अधिक वर्षों से सॉफ्टवेयर सेवा दिग्गज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और आईटी उद्योग का हिस्सा रहे हैं.

टाटा कम्युनिकेशंस ने कहा कि हमें आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कंपनी के निदेशक मंडल ने नामांकन और पारिश्रमिक समिति की सिफारिश के आधार पर एन गणपति सुब्रमण्यम, गैर-कार्यकारी, गैर-स्वतंत्र निदेशक को 14 मार्च, 2025 से कंपनी के निदेशक मंडल का अध्यक्ष नियुक्त किया है.

टाटा समूह में एन गणपति सुब्रमण्यम का कार्यकाल

कंपनी ने एक बयान में कहा कि सुब्रमण्यम ने बैंकिंग, दूरसंचार और सार्वजनिक सेवाओं में TCS द्वारा वैश्विक स्तर पर किए गए कई ऐतिहासिक पहलों में रणनीतिक भूमिका निभाई है. उन्हें प्रौद्योगिकी, संचालन, उत्पाद विकास, व्यवसाय परिवर्तन और परिवर्तन प्रबंधन का ज्ञान है क्योंकि संगठन अपनी प्रौद्योगिकी और व्यवसाय का प्रबंधन करते हैं.

Gautam Adani बनेंगे रियल एस्टेट के बादशाह, धारावी के बाद मिला 36 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट

मुंबई में धारावी झुग्गी पुनर्विकास परियोजना से जुड़े अडानी समूह ने अब मोतीलाल नगर के पुनर्विकास के लिए 36,000 करोड़ रुपये की सर्वाधिक बोली लगाई है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी है. मोतीलाल नगर-1, 2 और 3 मुंबई की सबसे बड़ी आवास पुनर्विकास परियोजनाओं में से एक है. यह उपनगरीय इलाके गोरेगांव (पश्चिम) में 143 एकड़ में फैली हुई है. अडानी समूह की कंपनी अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड (एपीपीएल) इस परियोजना के लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी है. इसने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एलएंडटी के मुकाबले अधिक निर्मित क्षेत्र की पेशकश की है.

इस परियोजना के लिए अडानी समूह को आवंटन पत्र (एलओए) निर्धारित समय में जारी कर दिया जाएगा. हालांकि, अडानी समूह ने इस घटनाक्रम पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. अडानी समूह पहले से ही एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्तियों में शामिल धारावी का पुनर्विकास कर रहा है. धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (अब नवभारत मेगा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड) में अडानी समूह की 80 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि बाकी हिस्सेदारी राज्य सरकार की है.

मुंबई उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह ही महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) को किसी निर्माण एवं विकास एजेंसी (सीएंडडीए) के जरिये मोतीलाल नगर का पुनर्विकास करने की अनुमति दी थी. राज्य सरकार ने इसे एक ‘विशेष परियोजना’ घोषित किया है. म्हाडा का इस पर नियंत्रण बना हुआ है लेकिन उसने काम पूरा करने के लिए आवश्यक क्षमता न होने पर सीएंडडीए के जरिये काम कराने का फैसला किया है. अडानी समूह मोतीलाल नगर को आधुनिक फ्लैट वाले इलाके में बदलने की कोशिश करेगा. मोतीलाल नगर के पुनर्विकास की कुल अनुमानित लागत लगभग 36,000 करोड़ रुपये है, और पुनर्वास अवधि परियोजना की शुरुआत/आरंभ तिथि से सात साल है.

मोतीलाल नगर पुनर्विकास के लिए निविदा शर्तों के तहत सीएंडडीए को 3.83 लाख वर्ग मीटर का आवासीय क्षेत्र सौंपने का प्रावधान है. हालांकि अडानी समूह की कंपनी ने म्हाडा को 3.97 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र सौंपने पर सहमति जताते हुए बोली जीती है.