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मार्केट में जल्द आ जाएगा 50 रुपये का नया नोट, पुराने के मुकाबले RBI करने जा रही ये बड़ा बदलाव

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में नियुक्त गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​के साइन वाला 50 रुपये मूल्यवर्ग के नए बैंक नोट जारी करने की घोषणा की है. संजय मल्होत्रा ने दिसंबर 2024 में भारतीय रिजर्व बैंक के 26वें गवर्नर के रूप में शक्तिकांत दास का स्थान लिया है. भारत की मॉनेटरी सिस्टम के निरंतर प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए ये नए बैंक नोट महात्मा गांधी (नई) चेन के मौजूदा डिजाइन पर ही टिके रहेंगे. हालांकि, RBI ने पुष्टि की है कि पहले जारी किए गए सभी 50 रुपये के नोट अभी भी वैध मुद्रा और वैध रहेंगे.

50 रुपये के बैंक नोटों में क्या बदलाव हुए हैं?

नए 50 रुपये के बैंक नोट महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला के तहत मौजूदा डिजाइन के साथ जारी रहेंगे, जिसे सुरक्षा बढ़ाने और जालसाजी को रोकने के लिए पेश किया गया था. नोट के आगे की तरफ महात्मा गांधी का चित्र और पीछे की तरफ सांस्कृतिक रूपांकनों को बरकरार रखा जाएगा. एकमात्र बदलाव आरबीआई गवर्नर मल्होत्रा ​​के अपडेट किए गए साइन हैं. आरबीआई द्वारा किसी अन्य डिजाइन संशोधन की पुष्टि नहीं की गई है.

क्या पुराने 50 रुपये के नोट अभी भी मान्य होंगे?

आरबीआई ने पुष्टि की है कि सभी पुराने 50 रुपये के नोट अभी भी मान्य होंगे. गवर्नर मल्होत्रा ​​के साइन वाले नए नोट जारी होने के बाद भी पिछले गवर्नर द्वारा साइन पुराने नोट उपयोग में रहेंगे.

50 रुपये के नोट बदलने की जरूरत क्यों पड़ी?

RBI के लिए बैंक नोटों पर RBI गवर्नर के साइन बदलना एक आम बात है. जब कोई नया गवर्नर पदभार ग्रहण करता है, तो RBI पुराने नोटों को प्रचलन में रखता है जबकि आने वाले गवर्नर द्वारा साइन नए नोट जारी करता है.

उदाहरण के लिए उर्जित पटेल द्वारा साइन 50 रुपये के नोट पहली बार 2016 में जारी किए गए थे, जबकि वाई वी रेड्डी के साइन नोट 2004 में जारी किए गए थे. उन्हें नियमित रूप से अगले RBI गवर्नर द्वारा बदल दिया जाता है. यह प्रक्रिया RBI को मुद्रा प्रणाली में साइन किए बिना बैंक नोटों पर आधिकारिक रिकॉर्ड को अपडेट रखने में मदद करती है.

RBI ने दे दिया इस बैंक को झटका, लगा दिए कई सारे प्रतिबंध, आपके जमा पैसे का क्या होगा?

बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने मुंबई बेस्ड न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक (New India Co-operative Bank) के कामकाज पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. आरबीआई के इस बंदिश के बाद बैंक के डिपॉजिटर्स अब खातों में जमा अपनी गाढ़ी कमाई को भी नहीं निकाल सकेंगे. न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक अब ना तो कोई लोन दे सकेगा और ना कोई डिपॉजिट ले सकेगा. गुरुवार 13 फरवरी 2025 के कारोबार बंद होने के बाद से ये बैन अगले छह महीनों के लिए लागू हो चुका है.

गुरुवार 13 फरवरी 2025 को भारतीय रिजर्व बैंक ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में भारी अनियमितताओं के चलते बैंक के कामकाज पर कई तरह के बैंकिंग कारोबार से जुड़े बैन लगा दिए.  आरबीआई की इस सख्ती के बाद न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक ग्राहकों को ना तो कोई लोन दे सकेगा साथ ही कस्टमर्स से डिपॉजिट लेने पर भी रोक लगा दी गई है. आरबीआई के इस फैसले के बाद बैंक के डिपॉजिटर्स की मुसीबत बढ़ गई है. बैंक के खाताधारक अपने खाते से पैसे भी नहीं निकाल सकेंगे. आरबीआई ने फिलहाल छह महीने के लिए बैंक पर ये प्रतिबंध लगाया है और इस दौरान बैंक के हालात को सुधारने की कोशिश की जाएगी. छह महीने के बाद आरबीआई बैन के फैसले को रिव्यू करेगा.

आरबीआई ने कहा, ”बैंक की मौजूदा नकदी स्थिति को देखते हुए निर्देश दिया गया है कि वह जमाकर्ता के बचत बैंक या चालू खातों या किसी अन्य खाते से किसी भी राशि की निकासी की अनुमति न दे.” हालांकि बैंक कर्मचारियों के वेतन, किराए और बिजली के बिल जैसी कुछ आवश्यक मदों पर खर्च करने की इजाजत बैंक को दी गई है.

आरबीआई ने साफ किया है कि, 13 फरवरी, 2025 को बैंक के कारोबार बंद होने के बाद से बैंक बिना उसके अनुमति के ना को कोई लोन या एडवांस रकम देगा या उसका रिन्यूएल करेगा. साथ ही ना कोई बैंक को निवेश की इजाजत होगी और ना डिपॉजिट स्वीकार करने सहित कोई भी देनदारी नहीं लेगा. आरबीआई ने कहा कि बैंक में हाल ही में हुए घटनाक्रमों से सुपरवाइजरी चिंताओं और बैंक के जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है. इसके अलावा, पात्रता रखने वाले डिपॉजिटर्स डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन  (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation ) से 5 लाख रुपये तक डिपॉजिट इंश्योरेंस क्लेम अमाउंट पाने के हकदार होंगे.

Kotak Mahindra Bank को RBI ने दी बड़ी राहत, ऑनलाइन कस्टमर जोड़ने पर लगे प्रतिबंध हटाए

निजी क्षेत्र की दिग्गज बैंक कोटक महिंद्रा बैंक के लिए राहत की खबर है. बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक पर लगाये गए प्रतिबंधों को हटा लिया है. कोटक महिंद्रा बैंक अब ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग के जरिए नए कस्टमर्स जोड़ सकेगी साथ ही नए क्रेडिट कार्ड ग्राहक भी बना सकेगी. अप्रैल 2024 में आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक पर अपने आईटी सिस्टम में सुधार नहीं करने के चलते चिंता जाहिर करते हुए बैन लगा दिया था.

कोटक महिंद्रा बैंक पर बैन को वापस लेते हुए भारीय रिजर्व बैंक ने कहा, वो निजी क्षेत्र के बैंक द्वारा किए गए सुधारात्मक उपायों से संतुष्ट है, और उसे नए क्रेडिट कार्ड जारी करने के साथ ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग चैनलों के माध्यम से नए ग्राहकों को जोड़ने की अनुमति दी जाती है. आरबीआई के फैसले का स्वागत करते हुए कोटक महिंद्रा बैंक के प्रवक्ता ने कहा, बैंक जल्द ही नए कस्टमर्स की ऑनबोर्डिंग के साथ नए क्रेडिट कार्ड को जारी करना शुरू कर देगा.

आरबीआई के इस बैन के चलते कोटक महिंद्रा बैंक को सालाना 450 करोड़ नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा था. अप्रैल 2024 में कोटक महिंद्रा बैंक ने 60 लाख नए क्रेडिट कार्ड जारी किए थे जो दिसंबर 2024 में घटकर 50 लाख रह गया था. इस बैन के चलते बैंक के 811 डिजिटल बैंकिंग सर्विस के ग्रोथ पर भी असर पड़ा है.

पूर्व गवर्नर शक्तिकान्त दास के कार्यकाल में आरबीआई ने सुपरवाइजरी उपाय के रूप में कई संस्थाओं पर व्यावसायिक प्रतिबंध लगाया था. इनमें निजी क्षेत्र के सबसे बड़े एचडीएफसी बैंक पर मार्च, 2022 तक लगभग 15 महीने के लिए प्रतिबंध लगाना भी शामिल है. आरबीआई के अनुसार इस तरह के आदेश से पहले महीनों तक पत्राचार, चेतावनियां और बैठकें होती हैं. ये कदम सुधारात्मक उपाय के रूप में उठाए जाते हैं. नए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने पिछले सप्ताह अपनी पहली मौद्रिक नीति समीक्षा (एमपीसी) में बैंकों द्वारा नुकसानदेह माने जाने वाले नियामकीय पहलुओं पर नरम रुख अपनाने का संकेत दिया था, और स्पष्ट कर दिया था कि वे इसका उपयोग जरूरत पड़ने पर ही करेंगे.

मल्होत्रा ने यह भी कहा कि किसी भी कार्रवाई से पहले नियामक कदमों की लागत पर भी विचार किया जाना चाहिए. आरबीआई ने कहा, “बैंक द्वारा पेश प्रस्तुतियों और किए गए सुधारात्मक उपायों के आधार पर स्वयं को संतुष्ट करते हुए रिजर्व बैंक ने कोटक महिंद्रा बैंक पर लगाए गए उपर्युक्त प्रतिबंधों को हटाने का निर्णय लिया है.

‘लॉटरी पर केंद्र सरकार नहीं वसूल सकती सर्विस टैक्स’, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि केंद्र सरकार और उसके रेवेन्यू डिपार्टमेंट को लॉटरी टिकटों के प्रचार, प्रमोशन, या बिक्री पर सर्विस टैक्स लगाने का अधिकार नहीं है और उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और उसके राजस्व विभाग की ओर से दाखिल याचिकाओं को खारिज कर दिया है. न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन के सिंह की पीठ ने कहा, ‘‘भारत संघ और अन्य द्वारा दायर अपील में कोई दम नहीं है. इसलिए इन अपील को खारिज किया जाता है.

सिक्किम हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए 120 पेज में लिखे गए फैसले को सुनाते हुए न्यायमूर्ति नागरत्ना ने वित्त कानून, इसके संशोधनों और मामले के इतिहास पर चर्चा की. न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हमने पाया है कि प्रत्येक स्तर पर लॉटरी टिकटों के एकमात्र वितरक/खरीदार (प्रतिवादी-करदाता) पर सर्विस टैक्स लगाने के लिए फाइऩैंस एक्ट 1994 में किए गए संशोधन असफल रहे हैं.’’

न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा कि क्योंकि प्रतिवादी-करदाता द्वारा सिक्किम सरकार के लिए कोई एजेंसी या एजेंट के रूप में कोई सेवा प्रदान नहीं की गई है, इसलिए लॉटरी टिकटों के खरीदार (प्रतिवादी-करदाता) और सिक्किम सरकार के बीच हुए लेन-देन पर सर्विस टैक्स नहीं लगाया जा सकता है.

फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा, ‘‘चूंकि इस संबंध में कोई एजेंसी नहीं है, इसलिए प्रतिवादी (लॉटरी वितरक) सर्विस टैक्स का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं हैं. हालांकि प्रतिवादी संविधान की सूची 2 की एंट्री 62 के तहत राज्य सरकार की ओर से लगाए गए गैंबलिंग टैक्स लॉटरी वितरकों को देना होगा. पीठ ने कहा, ‘‘लॉटरी टिकट के खरीदार और फर्म के बीच हुए लेन-देन पर सेवा कर नहीं लगाया जाता… उपरोक्त चर्चाओं के मद्देनजर, हमें भारत संघ और अन्य द्वारा दायर अपील में कोई दम दिखाई नहीं देता. इसलिए, इन अपील को खारिज किया जाता है.’’

सुप्रीम कोर्ट ने सिक्किम उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि केवल राज्य सरकार ही लॉटरी पर टैक्स लगा सकती है, केंद्र सरकार नहीं. कोर्ट ने कहा, हाईकोर्ट का यह कहना सही था कि लॉटरी ‘‘सट्टेबाजी और जुआ’’ की श्रेणी में आती है, जो संविधान की राज्य सूची की प्रविष्टि 62 का हिस्सा है और केवल राज्य सरकार ही इस पर कर लगा सकती है.

केंद्र ने 2013 में उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया था. उच्च न्यायालय ने लॉटरी फर्म ‘फ्यूचर गेमिंग सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा दायर याचिका पर यह फैसला सुनाया था.

ट्रंप टैरिफ का चाबुक रुपये पर पड़ा भारी, औंधे मुंह गिरा, 87.96 के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ योजना लागू होने के कारण भारतीय रुपया 10 फरवरी को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.9563 के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया. स्थानीय मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.9175 पर खुली, जो पिछले कारोबारी सत्र के डॉलर के मुकाबले 87.4275 से काफी कम थी.

ट्रंप ने रविवार को एयरफोर्स वन पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि टैरिफ सभी देशों से मेटल आयात पर लागू होंगे. उन्होंने यह नहीं बताया कि शुल्क कब से लागू होंगे. ट्रंप ने यह भी कहा कि वे इस सप्ताह के अंत में उन देशों पर पारस्परिक टैरिफ की घोषणा करेंगे जो अमेरिकी आयात पर कर लगाते हैं. ट्रंप ने कहा कि ये टैरिफ घोषणा के दिन ही लागू नहीं होंगे, जो मंगलवार या बुधवार को हो सकता है, लेकिन इसके तुरंत बाद लागू होंगे.

इसके परिणामस्वरूप शुरुआती कारोबार में डॉलर सूचकांक बढ़कर 108.336 पर पहुंच गया, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में यह 108.040 पर था.

नए केंद्रीय बैंक गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​के नेतृत्व में पहली बार हुई आरबीआई एमपीसी की बैठक में धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर इसे 6.25 फीसदी कर दिया गया. जिससे भारतीय रुपया को मजबूती मिलने की उम्मीद है.

UPI नहीं चलेगा, लोग इस दिन नहीं कर पाएंगे लेनदेन, देश के सबसे बड़े बैंक ने ग्राहकों को दी जानकारी

हैदराबाद : यूपीआई के जरिए पैसे भेजने और लेने से लोगों का जीवन काफी सरल हो गया है. यही वजह है कि सब्जी वाले से लेकर किराना वाले तक को लोगों के द्वारा यूपीआई से पेमेंट किया जाता है. वहीं, देश के सबसे बड़े निजी बैंक एचडीएफसी बैंक ने यूपीआई ट्रांजेक्शन को लेकर जानकारी दी है.

इसको लेकर एचडीएफसी बैंक ने अपने लाखों ग्राहकों के लिए अलर्ट जारी किया है. इसमें बताया गया है कि इस सप्ताह एक दिन यूपीआई की सर्विस बाधित रहेगी. इस वजह से ग्राहकों को लेनदेन में असुविधा हो सकती है. हालांकि ये सेवा सिर्फ तीन घंटे के लिए प्रभावित होगी.

एचडीएफसी बैंक के ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक 8 फरवरी को यूपीआई सर्विस का मेंटेनेंस शेड्यूल किया जाएगा. इस वजह रात 12 बजे से सुबह 3 बजे तक खाताधारक इस सुविधा का उपयोग नहीं कर सकेंगे.

बैंक की कौन सी सेवाएं प्रभावित रहेंगी

एचडीएफसी बैंक करेंट/सेविंग खाता धारक के लिए यूपीआई सर्विस काम नहीं करेगी. इसके अलावा रुपे क्रेडिट कार्ड, एचएडएफसी मोबाइल बैंकिंग ऐप और यूपीआई के लिए एचडीएफसी बैंक से सपोर्टेड थर्ड पार्टी ऐप्स पर यूपीआई ट्रांजेक्शन्स नहीं हो पाएंगे. इसके अलावा एचडीएफसी बैंक के जरिए कोई मर्चेंट यूपीआई ट्रांजेक्शन नहीं हो पाएगा.

यह है वजह

एचडीएफसी बैंक ने ग्राहकों को होने जा रही इस परेशानी के पीछे के कारण भी बताया है. बैंक ने कहा है कि बैंकिंग एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए सिस्टम मेंटनेंस किया जा रहा है. इसकी वजह से यूजर्स को कुछ घंटे तक असुविधा का सामना करना पड़ सकता है. इससे बचने के लिए ग्राहक अपने जरूरी काम पहले निपटा सकते हैं या एटीएम से कैश विड्रॉल कर सकते हैं.

सरकार ने बदला घर के किराए पर TDS का नियम, जानिए आपको कैसे होगा फायदा

वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घर के किराए पर टीडीएस के नियम में भी बदलाव किया है. सरकार ने घर के किराए पर टीडीएस से छूट की लिमिट को 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर सीधे 6 लाख रुपये कर दिया है. बजट के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि इससे TDS के दायरे में आने वाले ट्रांजेक्शन की संख्या घटेगी. अब सवाल यह आता है कि इस नए नियम से किसे ज्यादा फायदा होगा किराएदार या मकान मालिक को? आइए जानते हैं.

मकान मालिक और किराएदार दोनों को फायदा

मान लीजिए आपने अपने किसी मकान को सालाना 2.4 लाख रुपये पर किराए पर दिया है. अब तक टीडीएस काटने के बाद किराएदार आपको किराया देता था, जबकि अब ऐसा नहीं है. अब TDS काटे बगैर किराया देना पड़ेगा. इसके चलते किराए के रूप में आपके पास आने वाला अमाउंट बढ़ जाएगा. इससे मकान मालिक और किराएदार दोनों को फायदा होगा क्योंकि TDS पर छूट की लिमिट को  2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर  6 लाख कर दिया गया है.

इन किराएदारों को मिलेगी बड़ी राहत

दरअसल, बीते कुछ सालों में घरों का किराया तेजी से बढ़ा है. पहले महीने के 20,000 रुपये किराए पर किराएदार को टीडीएस काटना पड़ता था, जबकि अब 50,000 रुपये तक किराए पर भी ऐसा करने की जरूरत नहीं है. इससे महानगरों में किराए पर रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.

किराए पर कितने टीडीएस डिडक्शन की है इजाजत

बजट में किए गए नए बदलाव के बाद अब जिन घरों का सालाना किराया 6 लाख रुपये से ज्यादा है, तो किराएदार को टीडीएस डिडक्शन के बाद मकान मालिक को किराया देना होगा. बता दें कि किराएदार को किराए पर 10 परसेंट ही टीडीएस काटने की अनुमति है. अगर मकान मालिक के पास अपना पैन कार्ड नहीं है, तो फिर टीडीएस का रेट बढ़कर भी 20 परसेंट हो जाएगा.

ATM से पैसा निकालना होगा महंगा! RBI बढ़ाने वाला है एटीएम इंटरचेंज चार्ज, पढ़ें पूरी खबर

एटीएम से कैश निकालना अब महंगा हो जाएगा क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मुफ्त पांच लेनदेन की लिमिट से अधिक पर लगने वाले शुल्क और एटीएम इंटरचेंज फीस को बढ़ाने की तैयारी में है. हिंदू बिजनेसलाइन की रिपोर्ट में मंगलवार को इसकी जानकारी दी गई. यानी कि अब कस्टमर्स को एटीएम से कैश निकालने के लिए अपनी जेब से अधिक खर्च करने होंगे.

कितना बढ़ जाएगा चार्ज?

प्रस्तावित शुल्क वृद्धि कितनी है? इस पर न्यूज पोर्टल ने अपनी रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से बताया, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने पांच बार फ्री लिमिट पूरी होने के बाद अधिकतम नकद लेनदेन शुल्क को वर्तमान स्तर 21 रुपये से बढ़ाकर 22 करने की सिफारिश की है.

भुगतान नियामक एनपीसीआई ने इंडस्ट्री के साथ इसे लेकर बातचीत करने के बाद नकद लेनदेन के लिए एटीएम इंटरचेंज फीस को 17 रुपये से बढ़ाकर 19 रुपये करने की भी सिफारिश की है.

बता दें कि इंटरचेंज फी दूसरे बैंक के एटीएम से एक सीमा के बाद निकासी पर लगाया जाता है. यानी कि यह एटीएम सर्विस इस्तेमाल करने के बदले एक बैंक की तरफ से दूसरे बैंक को दी जाने राशि है. एटीएम से ट्रांजैक्शन के बाद बिल पर भी इसका जिक्र किया जाता है.

RBI ने की इस पर मीटिंग

रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक और व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटर मेट्रो और नॉन-मेट्रो इलाकों में फीस बढ़ाने की एनपीसीआई की योजना से सहमत हैं. हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक और एनपीसीआई ने इस घटनाक्रम पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है.

न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति के हवाले से लिखा गया, ”आरबीआई ने आईबीए के सीईओ की अध्यक्षता में एक दूसरी समिति बनाई, जिसमें एसबीआई और एचडीएफसी बैंक के अधिकारी शामिल थे.”

उन्होंने आगे कहा, ”इसमें निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए लागत का आकलन करने के बाद, हमने पिछले साल सितंबर में इसके लिए सिफारिश की थी. हमने कहा कि एनपीसीआई की सिफारिश को (मेट्रो सेक्टर्स के लिए) रखा जा सकता है, लेकिन असली मुद्दा ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में है.”

एटीएम चलाने का बढ़ रहा खर्चा

रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती महंगाई और पिछले दो सालों में 1.5-2 परसेंट की दर से बढ़ते उधार लागत, ट्रांसपोर्टेशन पर अधिक खर्च, नकदी पुनःपूर्ति और अनुपालन लागत के कारण नॉन-मेट्रो जगहों में एटीएम ऑपरेशन का खर्चा बढ़ गया है.

खुशखबरी! इन पांच बैंकों ने बढ़ाई FD पर ब्याज दरें, अब मिलेगा इतना रिटर्न

भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो दरों के बारे में निर्णय लिया जाएगा. यह बैठक 7 फरवरी को होगी, लेकिन आरबीआई ने इस बैठक से पूर्व ही देश के कई बैंकों ने अपनी एफडी (FD) की ब्याज दरों में परिवर्तन किया है. इसमें जनवरी में यूनियन बैंक, एक्सिस बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, कर्नाटक बैंक, शिवालिक स्मॉल फाइनेंस बैंक ने एफडी की नई दरें लागू की हैं. यह नए बदलाव लोगों की एफडी पर लागू होगा.

गौरतलब है कि एफडी में कई लोगों द्वारा निवेश किया जाता है. इसमें किसी तरह का जोखिम नहीं रहता है और निवेशकों को इसमें बढ़िया रिटर्न भी मिलता है. साथ ही एफडी में निवेश करने पर पहले से तय ब्याज ही मिलता है. यह उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है, जो अपनी बचत को सुरक्षित रखने के साथ ही उस पर निश्चित लाभ पाना चाहते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में.

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा 3 करोड़ से कम की एफडी ब्याज दरों में परिवर्तन किया है. इसमें 7 दिन से लेकर 10 साल की एफडी पर इंटरेस्ट रेट 3.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.30 प्रतिशत कर दिया गया है. वहीं, आम जनता के लिए 456 दिनों के लिए 7.30 ब्याज दर की एफडी ऑफर की है.ये नई दरें 1 जनवरी से लागू हो गई हैं.

एक्सिस बैंक

एक्सिस बैंक ने 3 करोड़ रुपये से कम के एफडी के लिए एफडी ब्याज दरों में बदलाव किया है. अब बैंक के द्वारा आम लोगों को 7 दिन से लेकर 10 साल तक की अवधि पर 3 प्रतिशत से 7.25 प्रतिशत तक ब्याज दर ऑफर कर रहा है. ये नई दरें 27 जनवरी से लागू हैं.

पंजाब नेशनल बैंक

पंजाब नेशनल बैंक के द्वारा 1 फरवरी से ब्याज दरों में परिवर्तन किया है. बैंक के द्वारा 303 दिनों के लिए नई एफडी शुरू की गई है. इसमें 7 प्रतिशत ब्याज दर तय किया गया है. वहीं, आम लोगों के लिए 506 दिनों की एफडी पर 6.7 प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा है. इसके अलावा 400 दिनों के समय पर 7.25 ब्याज ऑफर किया जा रहा है. यह नई ब्याज दर 1 जनवरी से लागू हो गई है.

कर्नाटक बैंक

कर्नाटक बैंक के द्वारा भी फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरों में बदलाव किया गया है. लोगों को यह बैंक 7 दिन से लेकर 10 साल की अवधि पर 3.50 से 7.50 ब्याज ऑफर कर रहा है. इसके अलावा 375 दिनों के लिए 7.50 ब्याज दर दे रहा है. ये नई दरें 2 जनवरी से लागू हो गई हैं.

शिवालिक स्मॉल फाइनेंस बैंक

शिवालिक स्मॉल फाइनेंस बैंक ने भी अपनी एफडी की ब्याज दरों को अपडेट किया है. ये दरें 22 जनवरी से लागू हो गई हैं. आम लोगों के लिए एफडी पर ब्याज दर 3.50 प्रतिशत से लेकर 8.80 प्रतिशत तक होगी. वहीं वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह दर 4 प्रतिशत से 9.30 प्रतिशत तक ऑफर किया जा रहा है.बैंक ने अपनी वेबसाइट पर इसकी जानकारी दी है.