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कैसे होगी ₹12.75 लाख की इनकम टैक्स फ्री? जानें पूरी कैलकुलेशन, एक रुपये ज्यादा की कमाई पड़ेगी भारी

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज (1 फरवरी, 2025) रिकॉर्ड लगातार 8वां केंद्रीय बजट पेश की. वित्त मंत्री ने कहा कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा. वेतनभोगी करदाताओं को बड़ी सौगात देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं देना होगा. 7.5 करोड़ कर रिटर्न दाखिल करने वालों में से लगभग 85 फीसदी को राहत मिलेगी क्योंकि सरकार ने 12 लाख रुपये तक की आय वालों को कर में छूट दी है.

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए नई इनकम टैक्स स्लैब

0-4 लाख रुपये शून्य
4-8 लाख रुपये 5%
8-12 लाख रुपये 10%
12-16 लाख रुपये 15%
16-20 लाख रुपये 20%
20-24 लाख रुपये 25%
24 लाख रुपये से अधिक 30%

वित्त मंत्री ने धारा 87ए के तहत कर छूट में वृद्धि की घोषणा की है. इस बढ़ोतरी के कारण 12 लाख रुपये तक की टैक्स आय वाले निवासी व्यक्तियों को शून्य टैक्स देना होगा. नई टैक्स व्यवस्था के तहत 75,000 रुपये के मानक कटौती लाभ वाले वेतनभोगी व्यक्तियों को शून्य कर देना होगा, यदि कर योग्य आय 12.75 लाख रुपये से अधिक नहीं है. मौजूदा आयकर कानून नई कर व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक की आय पर शून्य कर की अनुमति देते हैं.

आसान शब्दों में समझें

सरल शब्दों में मोटे तौर पर, 13 लाख रुपये तक की कुल आय (12 लाख रुपये की छूट, 75,000 रुपये की मानक कटौती और लगभग 30,000 रुपये की मामूली राहत सहित) कर मुक्त होगी. हालांकि, इससे ऊपर की कोई भी आय संशोधित स्लैब के आधार पर पूरी आय पर कर आकर्षित करेगी.

अब जब आयकर की गणना की जाती है, तो इसे स्लैब दरों के अनुसार भागों में विभाजित किया जाता है. उदाहरण के लिए सालाना 16 लाख रुपये कमाने वालों के लिए उनकी आय को चार भागों (शून्य-4 लाख रुपये, 4 लाख रुपये से 8 लाख रुपये, 8 लाख रुपये से 12 लाख रुपये, 12 लाख रुपये से 16 लाख रुपये) में विभाजित किया जाएगा.

शून्य-4 लाख रुपये की आय पर, कोई कर नहीं लगेगा (इसे छूट कहा जाता है. यह आय स्तर के बावजूद सभी पर लागू होता है)- 4 लाख से 8 लाख रुपये की आय पर 5 फीसदी कर लगेगा (इस 4 लाख रुपये की आय पर 20,000 रुपये का कर), 8,00,001 रुपये से 12,00,000 रुपये के बीच की आय पर 10 फीसदी कर (40,000 रुपये), 12 लाख से 16 लाख रुपये के बीच की आय पर अतिरिक्त 4 लाख रुपये पर 15 फीसदी कर (60,000 रुपये).

इसलिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 16 लाख रुपये कमाने वाले व्यक्ति को 1,20,000 रुपये का भुगतान करना होगा, जो पहले की कर दरों और स्लैब की तुलना में 50,000 रुपये का लाभ है.

इसलिए 12 लाख रुपये से कम आय के लिए कर स्लैब 12 लाख रुपये से कम कमाने वालों के लिए नहीं है. यह एक वर्ष में 12 लाख रुपये से अधिक कमाने वालों के लिए कर गणना के लिए है.

आज आएगा देश का बजट 2025, जानें सबसे पहले किसने पेश किया था बजट

देश का बजट आज पेश होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। वित्त मंत्री लगातार 8वीं बार बजट पेश करेंगी, जो अपने आप में रिकॉर्ड होगा। इससे पहले मोरारजी देसाई अब तक सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का पहला बजट कब पेश किया गया था?

भारत में बजट पेश करने का चलन ब्रिटिश शासन काल से शुरू हुआ और पहला बजट आजादी से पहले पेश हुआ था। हालांकि, ये बजट दिल्ली में नहीं, बल्कि लंदन में पेश किया गया था। उस वक्त भारत के सचिव कहलाने वाले ईस्ट इंडिया कंपनी के स्कॉटिश अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन ने इसे ब्रिटिश क्राउन के सामने पेश किया था।

क्यों पेश किया गया बजट?

दरअसल, 1857 के विद्रोह की वजह से अंग्रेजी हुकूमत को काफी नुकसान हुआ था। विद्रोह को ब्रिटिश हुकूमत ने क्रूरता के साथ दबाया था। इस पूरे घटनाक्रम की पूरी दुनिया सहित लंदन के हाउस ऑफ कॉमन्स में भी निंदा हुई। 1857 के विद्रोह के बाद सरकार को हुए नुकसान की भरपाई के लिए भारत में एक कर प्रणाली लागू करने का खाका खींचा गया। ज्यादा उगाही के लिए नई कर प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव रखा गया। 7 अप्रैल, 1860 को पहला केंद्रीय बजट पेश किया गया था।

इस बजट में प्रस्तावित कर प्रणाली को लेकर समय-समय पर कई संशोधन किए गए। 1886 में एक अलग आयकर अधिनियम पारित किया गया। विल्सन के इस प्रस्ताव का हाउस ऑफ कॉमन्स में आलोचना भी हुई। सर चार्ल्स ट्रेवेलियन ने भारत के लोगों पर नए कर लगाने की अव्यवहारिकता के बारे में अपनी राय दी थी। उन्होंने कहा था कि भारत में वर्तमान संकट वर्तमान पीढ़ी की स्मृति में घटित किसी भी घटना की तुलना में अच्छे या बुरे, दोनों तरह के परिणामों से भरा हुआ है। अब जो रास्ता अपनाया जाएगा, उस पर पूर्व में हमारे साम्राज्य का भविष्य निर्भर करेगा। कई सदस्यों ने इस बजट और इसमें दिए गए कर प्रणाली के प्रावधानों की आलोचना की।

आजाद भारत का पहला बजट

देश की आजादी के बाद एक मजबूत आर्थिक आधार की जरूरत थी। स्वतंत्रता के बाद पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था। इसे भारत के पहले वित्त मंत्री आर के शनमुखम चेट्टी ने प्रस्तुत किया था। यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को सुधारने के मकसद से तैयार किया गया था, ताकि स्वतंत्रता के बाद देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने की दिशा में कदम उठाए जा सके। उस समय पहला केंद्रीय बजट भारत के विभाजन के दौरान हुए बड़े पैमाने पर दंगों के बीच पेश किया गया था।

UPI यूजर्स के लिए बड़ी खबर… 1 फरवरी से ब्‍लॉक हो जाएंगे ऐसे ट्रांजेक्‍शन, NPCI ने बदला नियम

अगर आप UPI पेमेंट ऐप यूज करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. दरअसल, 1 फरवरी से कोई भी UPI ऐप ट्रांजेक्शन ID जनरेट करने के लिए स्पेशल कैरेक्टर यूज नहीं कर पाएगी. अगर कोई ऐप ट्रांजेक्शन ID में स्पेशल कैरेक्टर यूज करेगी तो सेंट्रल सिस्टम उस पेमेंट को कैंसिल कर देगा. नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने ये दिशानिर्देश बिजनेस यूजर्स के लिए जारी किए थे, लेकिन इसका असर आम ग्राहकों पर भी पड़ने वाला है.

इसलिए किया जा रहा है बदलाव

NPCI UPI ट्रांजेक्शन ID जनरेट करने की प्रोसेस को स्टैंडर्ड बनाना चाहता है. इसलिए उसने सभी कंपनियों से ट्रांजेक्शन ID में केवल अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर ही जोड़ने के आदेश दिए हैं. ये आदेश 1 फरवरी से लागू हो जाएंगे. इसका मतलब है कि अगर कोई ऐप इन आदेशों का पालन नहीं करती है तो UPI के जरिये पेमेंट पूरी नहीं होगी. आदेशों का पालन करने की जिम्मेदारी ऐप्स पर ही डाली गई है.

पहले भी जारी किए थे आदेश

NPCI ने पहले भी इस प्रोसेस को स्टैंडर्ड बनाने के लिए आदेश जारी किए थे. बीते साल मार्च में आए आदेशों में ट्रांजेक्शन ID को 35 कैरेक्टर में बनाने की बात कही गई थी. इससे पहले ट्रांजेक्शन ID में 4 से लेकर 35 कैरेक्टर तक होते थे. इसे देखते हुए 35 कैरेक्टर की ID जनरेट करने की बात कही गई थी.

डिजिटल पेमेंट में UPI की हिस्सेदारी 83 प्रतिशत पहुंची

देश की कुल डिजिटल पेमेंट में UPI की हिस्सेदारी पांच सालों में दोगुना बढ़कर 83 प्रतिशत तक पहुंच गई है. 2019 में कुल पेमेंट में इसकी हिस्सेदारी 34 प्रतिशत थी. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है. इसके विपरित NEFT, RTGS, IMPS, क्रेडिट और डेबिट कार्ड के जरिये होने वाली ट्रांजेक्शन कम होकर कुल डिजिटल पेमेंट का 17 प्रतिशत रह गई हैं. 2019 में इनकी हिस्सेदारी 66 प्रतिशत थी.

शेयर बाजार में लिस्ट होते ही ITC Hotels के शेयरों में लगा लोअर सर्किट, जानें किस भाव पर हुई लिस्टिंग

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मुंबई: आईटीसी होटल्स अपनी नियामक फाइलिंग के अनुसार आज बुधवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में अपनी शुरुआत की. शेयर बीएसई पर 188 रुपये और एनएसई पर 180 रुपये पर सूचीबद्ध हुए.

आईटीसी होटल्स, जो मेमेंटोस, वेलकमहोटल, स्टोरी, फॉर्च्यून और वेलकमहेरिटेज तथा आईटीसी होटल्स जैसे छह अलग-अलग ब्रांड चलाता है. आईटीसी होटल्स की लिस्टिंग के बाद आईटीसी शेयरधारकों को मूल्य में कोई खास वृद्धि का अनुभव होने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि होल्डिंग कंपनी छूट के हिसाब से आईटीसी की कीमत समायोजित की जाएगी. लेकिन विश्लेषक आईटीसी की संभावनाओं को लेकर सकारात्मक हैं.

FMCG दिग्गज ITC Ltd के अलग हुए होटल व्यवसाय ITC Hotels के शेयरों का कारोबार आज से स्टॉक एक्सचेंजों पर शुरू होगा. ITC होटल व्यवसाय का अलग होना 1 जनवरी से प्रभावी हो गया है, जिससे ITC Hotels स्वतंत्र रूप से सूचीबद्ध हो सकेगी.

एक विनियामक फाइलिंग में, ITC ने पुष्टि की कि ITC होटल्स को अपने इक्विटी शेयरों की लिस्टिंग के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) दोनों से मंजूरी मिल गई है. ITC के शेयरधारकों को रिकॉर्ड तिथि 6 जनवरी, 2025 तक उनके पास मौजूद हर 10 शेयरों के लिए ITC होटल्स का एक शेयर मिलेगा.

इंफोसिस के को-फाउंडर समेत 18 लोगों पर SC/ST Act के तहत मामला दर्ज, धमकी देने का भी लगा आरोप

बेंगलुरु: बेंगलुरु पुलिस ने इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन और 17 अन्य के खिलाफ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है. जानें गोपालकृष्णन कौन हैं, क्या हुआ, मामला क्या है.

क्रिस गोपालकृष्णन के खिलाफ मामला क्या है?

बेंगलुरू के सदाशिव नगर पुलिस स्टेशन ने गोपालकृष्णन, आईआईएससी के पूर्व निदेशक बलराम और 16 अन्य के खिलाफ 71वें शहर सिविल और सत्र न्यायालय (सीसीएच) के निर्देशों के आधार पर एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.

एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत मामला क्यों दर्ज किया गया?

अदालत का यह निर्देश आदिवासी बोवी समुदाय से आने वाले शिकायतकर्ता दुर्गाप्पा और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) में सतत प्रौद्योगिकी केंद्र के संकाय सदस्य द्वारा दिए गए बयान के बाद आया है. दुर्गाप्पा ने दावा किया था कि 2014 में उन्हें हनी ट्रैप मामले में झूठा फंसाया गया था और बाद में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था.

इन पर केस हुआ दर्ज

प्रोफेसर डी. सन्ना दुर्गाप्पा ने शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने बताया कि इस शिकायत के आधार पर आईआईएससी के निदेशक प्रो. गोविंदा रंगराजन, श्रीधर वारियर, क्रिस गोपालकृष्णन, अनिल कुमार, दीपशिखा चक्रवर्ती, नमरुथा, डॉ. निर्मला, संध्या, के.वी.एस. हरि, दासप्पा, बी.पी. बालचंद्र, बलराम पी., अंजलि ए. करंडे, हेमलता, चट्टोपाध्याय के., प्रदीप, अभिलाष राजू, सुंदरस्वामी और रामास्वामी, विक्टर मनोहर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

फर्जी हनीट्रैप बनाकर नौकरी से निकाला गया

जब मैं 2008 से 2025 तक भारतीय विज्ञान संस्थान में काम कर रहा था, तब मेरे साथ जातिगत दुर्व्यवहार किया गया. फर्जी हनीट्रैप बनाकर मुझे नौकरी से निकाल दिया गया. साथ ही मुझे देश में कहीं और नौकरी करने से भी रोका गया. संस्थान में दर्ज यौन उत्पीड़न मामले में मेरे खिलाफ कार्रवाई की गई है, जो अब तक किसी के खिलाफ नहीं की गई. और संस्थान के कोष से 2,500 करोड़ रुपये लूटे गए हैं, ऐसा सना दुर्गाप्पा ने शिकायत में आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया कि इस तरह का भ्रष्टाचार वर्षों से अनियंत्रित है. उन्होंने जांच की मांग की. पुलिस ने बताया कि सना दुर्गाप्पा की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है. और जांच शुरू की गई है.

यह घटनाक्रम प्रतिष्ठित संस्थानों में जाति-आधारित भेदभाव और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध IISc में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा करता है.

गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी मिल रही है या नहीं, इस तरह घर बैठे करें चेक

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत केंद्र सरकार जरूरतमंद नागरिकों को 300 रुपये की सहायता राशि देती है. यह सब्सिडी उन लोगों को दी जाती है जिन्होंने पीएम उज्ज्वला योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराया है. रजिस्टर होने के बाद कई लोग इस बात को लेकर टेंशन में रहते हैं कि अकाउंट में पैसे कब आएंगे. इसकी जानकारी आप चेक कर सकते हैं. आज इस खबर के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि एलपीजी गैस सब्सिडी का स्टेटस कैसे चेक करें?

12 सिलेंडर पर 300 रुपये की सब्सिडी

केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना खास तौर पर महिलाओं के लिए है. इस योजना के तहत सरकार कई तरह की सहायता देती है. इस योजना में सरकार महिलाओं को 300 रुपये की सब्सिडी देती है. साथ ही हर साल 12 एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी मिलती है.

आपके मोबाइल पर आएगा मैसेज

लाभार्थी मोबाइल के जरिए चेक कर सकते हैं कि उन्हें सब्सिडी का पैसा मिला है या नहीं. सब्सिडी का पैसा मिलने पर सरकार की तरफ से एक मैसेज भेजा जाता है. यह मैसेज रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है.

एलपीजी सब्सिडी स्टेटस कैसे चेक करें?

  • http://mylpg.in/index.aspx लिंक पर क्लिक करें.
  • बॉक्स में अपनी 17 अंकों की एलपीजी आईडी डालें और सबमिट पर क्लिक करें.
  • आप अपनी एलपीजी सब्सिडी एनरोलमेंट स्टेटस देख पाएंगे.
  • अगर आपको नहीं पता कि आपकी एलपीजी आईडी कैसी है, तो अपनी एलपीजी आईडी जानने के लिए यहां क्लिक करें पर क्लिक करें.
  • उस वितरक को चुनें जिससे आपने LPG गैस कनेक्शन प्राप्त करने के लिए आवेदन किया है – इंडेन गैस, भारत गैस और एचपी गैस.
  • गैस प्रदाता चुनने के बाद, आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट पेज पर निर्देशित किया जाएगा.

आप अपनी LPG ID को या तो इंस्टेंट खोज या सामान्य खोज करके पा सकते हैं. पहली प्रक्रिया में, आपको वितरक का नाम दर्ज करना होगा और अपनी उपभोक्ता आईडी दर्ज करनी होगी. यदि आप सामान्य खोज विकल्प चुनते हैं, तो राज्य, जिला, वितरक और अपना उपभोक्ता नंबर दर्ज करें. बॉक्स में कैप्चा दर्ज करें और आगे बढ़ें पर क्लिक करें. आपको अपनी 17 अंकों की LPG ID दिखाई जाएगी जिसका उपयोग आप अपने वितरक के पोर्टल पर लॉग इन करने या mylpg.in पर जाकर स्थिति की जांच करने के लिए कर सकते हैं.

Jio ने पेश किया बिना डेटा वाला रिचार्ज प्लान, मिलेगी 365 दिनों की वैलिडिटी

मुंबई: कुछ दिन पहले ट्राई ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को सिर्फ कॉलिंग और एसएमएस वाले सस्ते रिचार्ज प्लान पेश करने का निर्देश दिया था. ट्राई के इस नियम के बाद जियो ने सिर्फ कॉलिंग और एसएमएस वाले दो सस्ते रिचार्ज प्लान पेश किए हैं. जियो ने अपनी वेबसाइट पर दो नए वॉयस ओनली प्लान लिस्ट किए हैं, जिनमें यूजर्स को 365 दिनों तक की लंबी वैलिडिटी मिलेगी. इस प्लान का फायदा उन यूजर्स को होगा जो डेटा का इस्तेमाल नहीं करते हैं.

जियो का यह प्लान खास तौर पर उन यूजर्स के लिए है जो सिर्फ कॉलिंग और एसएमएस का इस्तेमाल करते हैं और जिन्हें डेटा की जरूरत नहीं है. जियो के ये दोनों प्लान 458 रुपये में 84 दिनों और 1958 रुपये में 365 दिनों की वैलिडिटी के साथ आते हैं. जियो के इन दोनों प्लान में यूजर्स को काफी फायदे मिलेंगे.

84 दिन वाला जियो प्लान

जियो का नया 458 रुपये वाला प्लान 84 दिनों की वैलिडिटी के साथ आता है. इस प्लान में यूजर्स को अनलिमिटेड कॉलिंग और 1000 फ्री एसएमएस मिलते हैं. इसके अलावा यूजर्स को जियो सिनेमा और जियो टीवी जैसे ऐप्स का फ्री एक्सेस भी मिलता है. यह प्लान खास तौर पर उन यूजर्स के लिए लाया गया है जो सिर्फ कॉलिंग और एसएमएस का इस्तेमाल करते हैं. इस प्लान में पूरे भारत में किसी भी नेटवर्क पर अनलिमिटेड कॉल और फ्री नेशनल रोमिंग की सुविधा दी जाती है.

जियो का 365 दिनों वाला प्लान

जियो का नया 1958 रुपये वाला प्रीपेड प्लान 365 दिनों की लंबी वैलिडिटी के साथ आता है. इस प्लान में यूजर्स को पूरे भारत में किसी भी नेटवर्क पर अनलिमिटेड कॉलिंग का फायदा मिलता है. इसके साथ ही इसमें 3600 फ्री एसएमएस और फ्री नेशनल रोमिंग भी शामिल है. इस प्लान में जियो सिनेमा और जियो टीवी जैसे ऐप्स का फ्री एक्सेस भी मिलता है, जिससे यूजर्स एंटरटेनमेंट का भी भरपूर मजा ले सकते हैं.

UPS अधिसूचित हुआ, 1 अप्रैल से लागू होगा, जानिए कैसे हो गई सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले

केंद्र सरकार ने बजट से पहले पेंशन स्कीम को लेकर बड़ी घोषणा की है. सरकार ने, केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन योजना (Unified Pension Scheme – UPS) को एक विकल्प के रूप में लागू करने की घोषणा की है. यह योजना नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत एक वैकल्पिक विकल्प होगी. UPS को पुराने पेंशन सिस्टम (OPS) और NPS के प्रमुख मुद्दों को मिलाकर तैयार किया गया है. यह योजना रिटायरमेंट के बाद आर्थिक स्थिरता और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से लाई गई है.

योजना का उद्देश्य और पात्रता

यूनिफाइड पेंशन योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को उनके सेवा जीवन के बाद एक निश्चित पेंशन देना है. यह योजना उन कर्मचारियों के लिए लागू होगी जो पहले से NPS के तहत आते हैं और UPS को चुनते हैं. सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, इस योजना के तहत इन मामलों में सुनिश्चित भुगतान दिया जाएगा.

सुपरएन्नुएशन (नियमित रिटायरमेंट): 10 साल की सेवा पूरी होने के बाद.

FR 56(j) के तहत रिटायरमेंट: जब सरकार कर्मचारी को FR 56(j) के तहत रिटायर करती है (यह सजा के तहत नहीं होगा).

स्वैच्छिक रिटायरमेंट: न्यूनतम 25 साल की सेवा पूरी होने के बाद.

हालांकि, सेवा से बर्खास्तगी, निष्कासन या इस्तीफा देने वाले कर्मचारियों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.

योजना के क्या-क्या लाभ हैं

25 साल की सेवा पूरी करने पर, सुपरएन्नुएशन से पहले के 12 महीनों के औसत बेसिक पे का 50 फीसदी सुनिश्चित पेंशन के रूप में मिलेगा. इसके अलावा, 25 साल से कम सेवा पर, पेंशन की राशि सेवा के अनुपात में दी जाएगी. वहीं, 10 या अधिक वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति होने पर न्यूनतम 10,000 रुपये प्रति माह की पेंशन मिलेगी. जबकि, पेंशनधारी की मृत्यु के बाद, उसकी पत्नी/पति को पेंशन का 60 फीसदी हिस्सा दिया जाएगा. वहीं, महंगाई राहत (Dearness Relief) पेंशनधारकों और उनके परिवारों को पेंशन के साथ दी जाएगी. यह महंगाई भत्ते की तरह ही काम करेगा और पेंशन शुरू होने के बाद लागू होगा.

लंप सम भुगतान और कॉर्पस स्ट्रक्चर

सुपरएनुएशन के समय कर्मचारी को बेसिक पे और महंगाई भत्ते का 10 फीसदी हर 6 महीने की सेवा के लिए लंप सम भुगतान के रूप में दिया जाएगा. वहीं, UPS के तहत दो कॉर्पस बनाए जाएंगे. पहला, व्यक्तिगत कॉर्पस, जिसमें कर्मचारी और सरकार दोनों का योगदान होगा और दूसरा पूल कॉर्पस, जिसमें अतिरिक्त सरकारी योगदान होगा. इसके अलावा कर्मचारी अपने बेसिक पे और महंगाई भत्ते का 10 फीसदी योगदान देंगे और सरकार भी समान योगदान देगी. इसके अलावा, सरकार पूल कॉर्पस के लिए 8.5 फीसदी अतिरिक्त योगदान देगी. यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी.

महंगाई से जूझ रही जनता को अमूल ने राहत दी, कंपनी ने दूध के दाम घटाए, जानें कितना सस्ता हुआ दूध?

इस दौर में जब हर चीज महंगी हो रही है, तो कुछ सस्ता होना सुखद लगता है. गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (GCMMF) ने ‘अमूल दूध’ को सस्ता कर दिया है. को-ऑपरेटिव ने तत्काल प्रभाव से अपने दूध की कीमतों में 1 रुपये प्रति लीटर की कटौती कर दी है.

इससे महंगाई से जूझ रही पब्लिक को कुछ तो राहत मिलेगी. दूध ऐसी चीज है जिसे लोग आमतौर पर रोज खरीदते है. इस कटौती का सीधा फायदा लोगों को मिलेगा. इससे कंपटीशन बढ़ेगा और दूसरे मिल्ड फेडरेशन और निजी दूध उत्पादक भी दाम घटा सकते हैं.

कौन सा दूध कितने में मिलेगा

अमूल गोल्ड दूध जो अब तक 66 रुपये प्रति लीटर मिलता था, इस कटौती के बाद 65 रुपये में मिलेगा. अमूल ताजा का भाव 54 रुपये से घटकर 53 रुपये हो गया है. टी-स्पेशल दूध जो अब तक 62 रुपये में मिलता था, इस कटौती के बाद 61 रुपये प्रति लीटर में मिलेगा.

अमूल ने पिछले साल बढ़ाई थी कीमत

दूध ऐसी कमोडिटी है, जिसकी कीमतें आमतौर पर हर साल बढ़ती हैं, कई बार दो साल में दो-दो बार बढ़ती हैं. अमूल ने भी पिछले साल जून में दूध की कीमतें 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ाई थी. एक लीटर अमूल गोल्ड 64 रुपये से बढ़कर 66 रुपये का हो गया था. अमूल ताजा और अमूल शक्ति के दाम भी 1-1 रुपये बढ़े थे.

देखना ये होगा की अमूल के दाम में कटौती कितने दिन तक चलती है. ये भी जानना जरूरी होगा कि अमूल ने अपने लागत कम की है या मुनाफा कम किया है. लागत में कमी किस स्तर पर हुई है, दूध की सोर्सिंग के स्तर पर या प्रोसेसिंग के स्तर पर. दूध के उत्पादकों यानी किसानों पर इसका क्या असर पड़ेगा. हालांकि फिलहाल इस कटौती का फायदा आम लोगों को तो होगा ही.

Jio, Airtel, Vi, BSNL यूजर्स दें ध्यान, ये काम नहीं किया तो हमेशा के लिए बंद हो जाएगा आपका सिम कार्ड

मुंबई: भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने सिम कार्ड की वैधता से संबंधित नए दिशा-निर्देशों की घोषणा की है. नए नियम सिम कार्ड की वैधता को बढ़ाते हैं, जिससे उन यूजर को राहत मिलती है जो अक्सर अपने दूसरे सिम को रिचार्ज करना भूल जाते हैं. नियमों का उद्देश्य बार-बार रिचार्ज करने की आवश्यकता को कम करना है. पहले के विपरीत बिना रिचार्ज किए सिम कार्ड को सक्रिय रखने की अवधि बढ़ा दी गई है.

एयरटेल सिम वैलिडिटी

इसी तरह अगर आप एयरटेल उपयोगकर्ता हैं, तो भी आप बिना रिचार्ज किए 90 दिनों से ज्यादा की सिम वैधता का आनंद ले पाएंगे. इसके बाद 15 दिनों की छूट अवधि होगी, जिसमें आपको अपना नंबर खोने से बचने के लिए उसे फिर से सक्रिय करना होगा. इस समय सीमा के भीतर रिचार्ज न करने पर नंबर निष्क्रिय हो जाएगा और फिर से असाइन किया जाएगा.

जियो सिम वैलिडिटी

अगर आप जियो सिम कार्ड उपयोगकर्ता हैं, तो आपका सिम अब बिना रिचार्ज के 90 दिनों तक सक्रिय रहेगा. हालांकि, इस अवधि के दौरान, इनकमिंग कॉल सेवाएं पिछले रिचार्ज प्लान के आधार पर अलग-अलग होंगी. 90 दिनों तक रिचार्ज न करवाने के बाद, आपको रीएक्टिवेशन प्लान चुनना होगा. अन्यथा, सिम को स्थायी रूप से डिस्कनेक्ट कर दिया जाएगा और किसी अन्य उपयोगकर्ता को फिर से असाइन कर दिया जाएगा.

वोडाफोन सिम वैलिडिटी

वी (वोडाफोन आइडिया) उपयोगकर्ताओं के पास रिचार्ज न करवाने की 90-दिन की छूट अवधि भी है. इसके बाद सिम को सक्रिय रखने के लिए न्यूनतम 49 रुपये का रिचार्ज आवश्यक है.

बीएसएनएल सबसे लंबी वैलिडिटी

इन सभी में से बीएसएनएल सबसे लंबी वैधता प्रदान करता है. निष्क्रिय सिम के लिए इसकी वैधता अवधि 180 दिन है. यह बीएसएनएल को उन उपयोगकर्ताओं के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाता है जो बार-बार रिचार्ज से बचना चाहते हैं.

अगर कोई सिम 90 दिनों से अधिक समय तक निष्क्रिय रहता है, लेकिन उसमें 20-30 रुपये का प्रीपेड बैलेंस है, तो सक्रियण को 30 दिनों तक बढ़ाने के लिए शेष राशि काट ली जाएगी. पर्याप्त बैलेंस के बिना, सिम को निष्क्रिय कर दिया जाएगा और नए उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.