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पीएम किसान योजना का पैसा दिलाने के नाम पर भी हो रही ठगी, जानें कैसे मैसेज से रहना है सावधान?

नई दिल्ली: तकनीकी उन्नति के इस दौर में जहां पीएम किसान सम्मान निधि योजना जैसी सरकारी योजनाओं ने किसानों को भारी वित्तीय लाभ पहुंचाया है. वहीं धोखेबाज इस योजना का इस्तेमाल बेखबर लाभार्थियों को ठगने के लिए कर रहे हैं. इस योजना के तहत, सरकार किसानों को सालाना 6,000 रुपये देती है, जो सीधे उनके बैंक खातों में जमा हो जाते हैं. हालांकि, पीएम किसान योजना के नाम पर घोटाले की खबरें चिंताजनक हैं.

पीएम किसान योजना में धोखाधड़ी की गतिविधियां

इस योजना में 18 किस्तें वितरित की जा चुकी हैं और अब 19वीं किस्त मिलने का इंतजार है. इस बीच धोखेबाज किसानों को इस योजना के तहत लाभ का वादा करने वाले फर्जी संदेश भेजकर निशाना बना रहे हैं. एक मामले में हैदराबाद के एक निवासी को योजना के लाभ की सुविधा देने के लिए एक लिंक के साथ एक टेक्स्ट संदेश मिला. लिंक पर क्लिक करने के बाद उसने मांगी गई जानकारी भरी और अपने सेल फोन पर ओटीपी दर्ज किया. कुछ ही समय में, उसके बैंक खाते से 1.9 लाख रुपये निकाल लिए गए.

धोखाधड़ी से बचने के लिए सुझाव

  • अनवेरिफाइड सोर्स से भेजे गए किसी भी लिंक पर क्लिक न करें.
  • कभी भी ओटीपी साझा न करें- अजनबियों के साथ ओटीपी साझा करने से वित्तीय धोखाधड़ी हो सकती है.
  • आधिकारिक स्रोत द्वारा प्रमाणीकरण- सरकारी सिस्टम रैंडम कॉल या संदेशों के माध्यम से ओटीपी या व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगते हैं. प्रश्नों के लिए आधिकारिक हेल्पलाइन से संपर्क करें या अधिकृत पोर्टल पर जाएं.

किसानों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्क रहें और इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार होने से बचने के लिए केवल आधिकारिक सरकारी संचार पर भरोसा करें.

10 रुपये का रिचार्ज, 365 दिनों की वैलिडिटी, जानें कब लागू होगा TRAI का नया नियम

नई दिल्ली: टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने नई गाइडलाइन जारी की है, जिसका फायदा 150 मिलियन भारतीय स्मार्टफोन यूजर्स को मिलेगा. ये वो यूजर्स हैं जो 2G सर्विस का इस्तेमाल कर रहे हैं. वॉयस कॉल और SMS जैसी बेसिक मोबाइल सर्विस पर निर्भर रहने वाले यूजर्स को अक्सर महंगे रिचार्ज प्लान की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ता है. रिचार्ज में उन्हें अनावश्यक डेटा मिलता है, जिसका वो इस्तेमाल नहीं कर पाते.

इसे देखते हुए TRAI ने 24 दिसंबर को नई अपडेटेड गाइडलाइन जारी की, जिसमें टेलीकॉम कंपनियां नए नियमों का पालन करते हुए किफायती प्लान लॉन्च करेंगी.

10 रुपये से शुरू होंगे रिचार्ज प्लान

नए नियमों के मुताबिक एयरटेल, जियो, बीएसएनएल और वोडाफोन आइडिया (Vi) जैसी सभी टेलीकॉम कंपनियों को टॉप-अप वाउचर देने होंगे, जो 10 रुपये की शुरुआती कीमत पर उपलब्ध होंगे. इसके अलावा एक बड़े अपडेट में TRAI ने स्पेशल टैरिफ वाउचर (STV) की वैधता 90 दिनों से बढ़ाकर 365 दिन कर दी है. यह बदलाव सुनिश्चित करता है कि अब यूजर्स लंबी अवधि के, किफायती रिचार्ज विकल्पों का इस्तेमाल कर सकेंगे.

दूरसंचार ऑपरेटरों को केवल वॉयस और एसएमएस योजनाएं बनाने का निर्देश दिया गया है, जो विशेष रूप से 2जी फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए डिजाइन की गई हैं, जिन्हें इंटरनेट सेवाओं की आवश्यकता नहीं है. फिलहाल इन यूजर्स को डेटा प्लान के लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ रहे हैं. यह उनकी मजबूरी है, क्योंकि टेलीकॉम ऑपरेटर्स के पास सिर्फ वॉयस और एसएमएस के लिए कोई खास प्लान नहीं है. उन्हें डेटा की जरूरत न होने के बावजूद भी डेटा लेना पड़ रहा है, जिसका इस्तेमाल भी वे नहीं कर पा रहे हैं.

कहा जा रहा है कि ट्राई की गाइडलाइन पहले ही लागू हो चुकी है और टेलीकॉम कंपनियों को इसे लागू करने के लिए कुछ हफ्ते का समय दिया गया है. हालांकि आधिकारिक लॉन्च की तारीख की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन जनवरी के अंत तक किफायती रिचार्ज प्लान बाजार में आने की उम्मीद है.

महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने वित्त मंत्री निर्माल सीतारमण को लिखा पत्र, 7,640 करोड़ रुपए टैक्स चुकाने की पेशकश की

दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद ठग सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekhar) से जुड़ी एक और खबर सामने आ रही है. कहा जा रहा है कि ठग सुकेश चंद्रशेखर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक चौंकाने वाला लेटर लिखा है. इसमें उसने अपनी विदेशी आय जो लगभग 22,410 करोड़ (लगभग $2.7 बिलियन) रुपये है, पर 7,640 करोड़ का टैक्स चुकाना चाहता है. इस आय के बारे में उसने बताया है कि इसे उसने 2024-2025 वित्तीय वर्ष में अपनी दो विदेशी कंपनियों से कमाया है.

कौन सी हैं ये कंपनियां?

सुकेश ने दावा किया है कि उसकी दो विदेशी कंपनियां, LS होल्डिंग्स इंटरनेशनल (नेवाडा, अमेरिका) और स्पीड गेमिंग कॉरपोरेशन (ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स), 2016 से ऑपरेट कर रही हैं. ये कंपनियां ऑनलाइन और ऑफलाइन गेमिंग और बेटिंग के सेक्टर में काम करती हैं. सुकेश ने कहा कि इनका कारोबार अमेरिका, स्पेन, ब्रिटेन, दुबई और हांगकांग जैसे कई देशों में फैला हुआ है और 2024 में इन कंपनियों से उसने $2.7 बिलियन कमाया है.

भारत में निवेश की इच्छा भी जताई

न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, सुकेश चंद्रशेखर ने अपने लेटर में लिखा है कि वह इस आय पर टैक्स देने के साथ-साथ भारत में टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन स्किल गेमिंग के सेक्टर में निवेश करना चाहता है. उसने यह भी कहा कि उसकी ये आय पूरी तरह से “कानूनी” है और अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग कानूनों का पालन करती है.

किन आरोपों में बंद है सुकेश चंद्रशेखर

सुकेश चंद्रशेखर पर करोड़ों रुपये की ठगी और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं. वह 200 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के घेरे में है. यह मामला रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर्स शिविंदर सिंह और मलविंदर सिंह की पत्नियों को 200 करोड़ ठगने से जुड़ा है. इसके अलावा, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और अन्य एजेंसियां भी उस पर कई केस चला रही हैं. सुकेश पर धनी व्यक्तियों से करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप है. इसके अलावा सुकेश चंद्रशेखर बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस से संबंधों की अफवाह के चलते भी चर्चा में था. हालांकि, जैकलीन ने इन अफवाहों को कई बार नकारा है.

अब 10 मिनट में घर पहुंचेगा लैपटॉप, मॉनिटर और प्रिंटर, Blinkit ने की घोषणा, इन शहरों में मिलेगी सर्विस

नई दिल्ली: ब्लिंकिट अब अपने प्रोडक्ट की लिस्ट में लैपटॉप, मॉनिटर और प्रिंटर जैसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को शामिल कर रहा है. जिन्हें लगभग 10 मिनट में डिलवरी किया जा सकता है.

इंस्टेंट कॉमर्स दिग्गज के सीईओ अलबिंदर ढींडसा ने गुरुवार को एक्स पर एक पोस्ट में घोषणा की कि हम अधिक उपयोग के मामलों को कवर करने के लिए अपनी इलेक्ट्रॉनिक्स रेंज का विस्तार कर रहे हैं और इस श्रेणी में अग्रणी ब्रांडों के साथ साझेदारी की है.

अलबिंदर ढींडसा ने बताया कि यह सेवा फिलहाल दिल्ली एनसीआर, पुणे, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता और लखनऊ समेत प्रमुख शहरों में शुरू हो चुकी है. खास तौर पर बड़ी वस्तुओं की डिलीवरी ब्लिंकिट के विशेष बड़े ऑर्डर बेड़े द्वारा की जाएगी. कंपनी ने अपने पोर्टफोलियो का और विस्तार करने की योजना का भी संकेत दिया, ताकि जल्द ही अपने ग्राहकों के लिए और अधिक ब्रांड और उत्पाद लाए जा सकें.

लैपटॉप, मॉनिटर और प्रिंटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स को सिर्फ 10 मिनट में डिलीवर करने का ब्लिंकिट का कदम उपभोक्ताओं के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है, लेकिन यह छोटे स्टोर और अधिकृत डीलरों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. इस मॉडल के साथ, ब्लिंकिट बिचौलियों को खत्म कर देता है, जिससे ग्राहकों को फिजिकल स्टोर पर जाने की परेशानी के बिना प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उत्पाद प्राप्त करने की अनुमति मिलती है.

कामकाजी घंटों पर फिर छिड़ी बहस: Harsh Goenka का सवाल, क्यों न संडे का नाम बदलकर सन-ड्यूटी कर दें?

नई दिल्ली: संडे और हफ्ते में 90 घंटे काम करने के सुझाव को लेकर चर्चा में आए एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। अब आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने उनके इस सुझाव की आलोचना की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हर्ष गोयनका ने एसएन सुब्रह्मण्यन की एक तरह से क्लास लगा दी है।

सुब्रह्मण्यन के बयान से हर्ष गोयनका असहमत हैं। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है कि संडे का नाम बदलकर ‘सन-ड्यूटी’ क्यों न कर दिया जाए। साथ ही उन्होंने स्मार्ट वर्क की वकालत ली है। इसके अलावा उन्होंने काम और जीवन के बीच में बैलेंस की भी बात कही है। हर्ष गोयनका ने अपनी पोस्ट के लास्ट में हैशटैग के साथ वर्क स्मार्ट नॉट स्लेव भी लिखा है, जिसका अर्थ है- समझदारी से काम करो, गुलाम न बनो।

क्या लिखा है पोस्ट में?

हर्ष गोयनका ने अपनी पोस्ट में लिखा है, ‘हफ्ते में 90 घंटे? संडे का नाम बदलकर ‘सन-ड्यूटी’ क्यों न कर दिया जाए और ‘छुट्टी का दिन’ एक काल्पनिक अवधारणा क्यों न बना दिया जाए! मैं कड़ी मेहनत और समझदारी से काम करने में विश्वास करता हूं, लेकिन जीवन को एक सतत कार्यालय शिफ्ट में बदल देना? यह बर्नआउट का नुस्खा है, सफलता का नहीं। वर्क-लाइफ बैलेंस वैकल्पिक नहीं है, यह आवश्यक है। खैर, यह मेरा विचार है! #वर्कस्मार्टनॉटस्लेव।’

क्या कहा था सुब्रह्मण्यन ने?

सुब्रह्मण्यन एक वीडियो में कहते नजर आ रहे हैं कि अगर उनका बस चले तो वह कर्मचारियों को संडे को भी ऑफिस काम पर बुला लें। साथ ही वीडियो में वह हफ्ते में 90 घंटे काम करने की वकालत करते नजर आ रहे हैं।

वह वीडियो में कह रहे हैं, ‘मुझे खेद है कि मैं आपको रविवार को काम नहीं करवा पा रहा हूँ। अगर मैं आपको रविवार को काम करवा पाऊं तो मैं ज्यादा खुश रहूंगा क्योंकि मैं रविवार को काम करता हूं।’

कंपनी ने किया बचाव

अपने बयान को लेकर चारों ओर से घिरे सुब्रह्मण्यन का एलएंडटी कंपनी ने बचाव किया है। एलएंडटी के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारा मानना है कि यह भारत का दशक है, एक ऐसा समय जिसमें प्रगति को आगे बढ़ाने और एक विकसित राष्ट्र बनने के हमारे साझा दृष्टिकोण को साकार करने के लिए सामूहिक समर्पण और प्रयास की आवश्यकता है। अध्यक्ष की टिप्पणी इस बड़ी महत्वाकांक्षा को दर्शाती है। इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि असाधारण परिणामों के लिए असाधारण प्रयास की आवश्यकता होती है।’

Whatsapp पर जुर्माने के खिलाफ Meta पहुंचा कोर्ट, जीत हुई तो खतरे में होगी आपकी प्राइवेसी

नई दिल्ली : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मेटा ने सोमवार को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) का दरवाजा खटखटाया. इसमें भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के हाल के आदेश को चुनौती द‍िया गया है. इस आदेश में वॉट्सऐप के 2021 प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट को लेकर फर्म पर 213 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

पिछले साल नवंबर में, प्रतिस्पर्धा नियामक ने वॉट्सएप को निर्देश दिया था कि कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर एकत्र किए गए यूजर डेटा को विज्ञापन उद्देश्यों के लिए दूसरे मेटा प्रोडक्ट या कंपनियों के साथ पांच साल की अवधि के लिए साझा न करे. साथ ही मेटा पर अपने प्रमुख स्थान का कथित रूप से दुरुपयोग करने के लिए 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया.

मेटा ने अब एनसीएलएटी को सूचित किया है कि सीसीआई के आदेश का पूरे उद्योग पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा और इसलिए, मामले में तत्काल सुनवाई की आवश्यकता होगी. अब यह मामला 16 जनवरी को अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष सुनवाई के लिए आएगा. देश में वॉट्सएप के 500 मिलियन से ज्यादा मंथली एक्टिव यूजर्स हैं.

पिछले साल, जब सीसीआई ने वॉट्सऐप को निर्देश दिया था कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर एकत्र किए गए यूजर डेटा को विज्ञापन उद्देश्यों के लिए पांच साल की अवधि के लिए दूसरे मेटा प्रोडक्ट या कंपनियों के साथ साझा न करें, तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने कहा कि वह सीसीआई के फैसले से असहमत है और अपील करने की योजना बना रहा है.

सीसीआई के आदेश के अनुसार, “वॉट्सऐप द्वारा 2021 पॉलिसी अपडेट ‘इसे लें या छोड़ दें’ के आधार पर पेश किया गया था, जो कि एक्ट के तहत अनुचित शर्तों को दिखाती है. क्योंकि यह सभी यूजर्स को एक्सपेंडेड डेटा कलेक्शन शर्तों को स्वीकार करने और बिना किसी ऑप्ट-आउट के मेटा ग्रुप के भीतर डेटा शेयर करने के लिए बाध्य करती है.”

मेटा के प्रवक्ता ने जवाब देते हुए कहा कि 2021 के वॉट्सएप अपडेट ने लोगों के पर्सनल मैसेज की प्राइवेसी को नहीं बदला और उस समय इसे यूजर्स के लिए एक विकल्प के रूप में पेश किया गया था. कंपनी के प्रवक्ता के अनुसार, “हमने यह भी सुनिश्चित किया कि इस अपडेट के कारण किसी का भी अकाउंट डिलीट न हो या वॉट्सएप सर्विस की फंक्शनैलिटी न खोई जाए.

अपडेट वाट्सएप पर ऑप्शनल बिजनेस फीचर्स शुरू करने के बारे में था और इस बारे में और अधिक पारदर्शिता प्रदान करता था कि हम डेटा कैसे एकत्र करते हैं और उसका उपयोग कैसे करते हैं.”

OYO के होटलों में अब अविवाहित जोड़ों को नहीं मिलेगा कमरा, कंपनी ने बदले नियम

नई दिल्ली। ट्रैवल बुकिंग करने वाली प्रमुख कंपनी OYO ने अपने चेक इन नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिसके अनुसार अविवाहित जोड़े अब कंपनी के पार्टनर होटलों में कमरा बुक नहीं कर पाएंगे। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार कंपनी ने फिलहाल मेरठ से इस नियम की शुरूआत की है।

इसके तहत ओयो ने पार्टनर होटलों के लिए एक नई चेक-इन नीति शुरू की है। इस साल से प्रभावी दिशा-निर्देशों के अनुसार अविवाहित जोड़ों का चेक-इन करने पर स्वागत नहीं किया जाएगा। संशोधित नीति के तहत, सभी जोड़ों को चेक-इन के समय अपने रिश्ते का वैध प्रमाण प्रस्तुत करने के लिए कहा जाएगा, जिसमें ऑनलाइन की गई बुकिंग भी शामिल है।

होटलों को बुकिंग रद करने का अधिकार

कंपनी ने कहा कि OYO ने अपने पार्टनर होटलों को स्थानीय सामाजिक संवेदनशीलता के साथ तालमेल बिठाते हुए अपने विवेक के आधार पर जोड़ों की बुकिंग को अस्वीकार करने का अधिकार दिया है। OYO ने मेरठ में अपने पार्टनर होटलों को तत्काल प्रभाव से यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। नीति परिवर्तन से परिचित लोगों ने एजेंसी को बताया कि जमीनी स्तर पर मिली प्रतिक्रिया के आधार पर कंपनी इसे और शहरों में भी लागू कर सकती है।

उन्होंने कहा, ‘OYO को पहले भी नागरिक समाज समूहों से विशेष रूप से मेरठ में इस मुद्दे को हल करने के लिए कार्रवाई करने का आग्रह करते हुए प्रतिक्रिया मिली है। इसके अलावा, कुछ अन्य शहरों के निवासियों ने अविवाहित जोड़ों को OYO होटलों में चेक-इन करने की अनुमति न देने के लिए याचिका दायर की है।’

‘नीतियों की करते रहेंगे समीक्षा’

ओयो उत्तर भारत के क्षेत्र प्रमुख पावस शर्मा ने पीटीआई को बताया, ‘ओयो सुरक्षित और जिम्मेदार आतिथ्य प्रथाओं को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। जबकि हम व्यक्तिगत स्वतंत्रता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं, हम उन बाजारों में कानून प्रवर्तन और नागरिक समाज समूहों की बात सुनने और उनके साथ काम करने की अपनी जिम्मेदारी को भी पहचानते हैं, जहां हम काम करते हैं। हम समय-समय पर इस नीति और इसके प्रभाव की समीक्षा करते रहेंगे।’

कंपनी ने कहा कि यह पहल पुरानी धारणा को बदलने और खुद को परिवारों, छात्रों, व्यवसाय, धार्मिक और एकल यात्रियों के लिए सुरक्षित अनुभव प्रदान करने वाले ब्रांड के रूप में पेश करने के ओयो के कार्यक्रम का एक हिस्सा है। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम का उद्देश्य लंबे समय तक ठहरने और बार-बार बुकिंग को प्रोत्साहित करना, ग्राहकों का विश्वास और वफादारी बढ़ाना है। ओयो ने पुलिस और होटल भागीदारों के साथ सुरक्षित आतिथ्य पर संयुक्त सेमिनार, कथित तौर पर अनैतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले होटलों को ब्लैकलिस्ट करने और ओयो ब्रांडिंग का उपयोग करने वाले अनधिकृत होटलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने जैसी पहल भी शुरू की है।

एक दिन में 48 करोड़ रुपये वेतन… इस भारतीय सीईओ की सालाना सैलरी सुनकर उड़ जाएंगे होश

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जब भी दुनिया में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ का जिक्र आता है तो लोगों के मन में अक्सर सत्या नडेला, सुंदर पिचाई और एलन मस्क जैसे बड़े नाम आते हैं. हालांकि, अब हम जिस शख्स के बारे में बताने वाले हैं, उसके सामने ये नाम कहीं नहीं टिकते.  हम बात कर रहे हैं, भारतीय मूल के जगदीप सिंह (Jagdeep Singh) की. जगदीप सिंह की सालाना सैलरी 17,500 करोड़ रुपये है. यानी एक दिन के करीब 48 करोड़ रुपये बनते हैं. चलिए, इनके बारे में विस्तार से जानते हैं.

कौन हैं जगदीप सिंह

जगदीप सिंह भारतीय मूल के आंत्रप्रेन्योर हैं, जिन्होंने 2010 में क्वांटमस्केप नाम की कंपनी की स्थापना की. यह कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए सॉलिड-स्टेट बैटरियों पर काम करती है. उनकी बैटरियों ने ईवी इंडस्ट्री में क्रांति ला दी है. चार्जिंग समय को कम करना और ऊर्जा दक्षता को बढ़ाना, उनकी बैटरियों की सबसे बड़ी खासियत है. इनोवेशन के क्षेत्र में इस तरह के योगदान ने उन्हें वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाई.

जगदीप सिंह की एजुकेशन

जगदीप सिंह की शिक्षा और अनुभव की बात करें तो रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से बीटेक और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से एमबीए की डिग्री हासिल की है. इसके बाद उन्होंने कई बड़ी नामी कंपनियों में काम किया और अपनी खुद की कंपनी भी शुरू की. उनकी मेहनत और दूरदर्शिता ने क्वांटमस्केप को न केवल एक सफल व्यवसाय बल्कि टेक्नोलॉजी इनोवेशन की नई परिभाषा बना दिया.

कैसे मिली इतनी मोटी सैलरी 

जगदीप सिंह की कंपनी, क्वांटमस्केप, 2020 में अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्ट हुई. निवेशकों का भारी समर्थन मिलने के कारण कंपनी का मूल्यांकन तेजी से बढ़ा. सिंह के सैलरी पैकेज में 2.3 बिलियन डॉलर के शेयर शामिल थे, जिससे उनकी सालाना आय 17,500 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई. यह सैलरी उन्हें न केवल इंडस्ट्री में सबसे अधिक वेतन पाने वाला व्यक्ति बनाती है, बल्कि उनके द्वारा किए गए काम की खासियत को भी दिखाती है.

2024 में सीईओ पद से इस्तीफा

हालांकि, फरवरी 2024 में, जगदीप सिंह ने क्वांटमस्केप के सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कंपनी की जिम्मेदारी सिवा सिवाराम को सौंपी. हालांकि, इस फैसले के बाद भी उनका सफर थमा नहीं. वर्तमान में वे एक ‘स्टील्थ स्टार्टअप’ के सीईओ हैं और भविष्य की तकनीकों पर काम कर रहे हैं.

नया सफर और नई चुनौतियां

जगदीप सिंह के सोशल मीडिया अकाउंट (@startupjag) पर उनसे जुड़ी जानकारियां मिलती रहती हैं. यहीं मिली जानकारियों के मुताबिक, वे एक बार फिर से ऐसे प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं जो भविष्य में बड़ा बदलाव ला सकते हैं. उनका नया स्टार्टअप अभी गुप्त है, लेकिन उनके पिछले काम और दृष्टिकोण को देखते हुए यह साफ है कि उनका अगला कदम भी शानदार होगा.

Zomato पर अब गर्लफ्रेंड तलाश रहे हैं कस्टमर्स, दुल्हन की भी है खूब डिमांड

नई दिल्ली। दस से तीस मिनट में डिलिवरी देने वाले क्विक कामर्स प्लेटफार्म पर लोग अब गर्लफ्रेंड और दुल्हन भी तलाश रहे हैं। जोमैटो की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2024 में 4940 लोगों ने उनके प्लेटफार्म पर गर्लफ्रेंड की तलाश की तो 40 लोग दुल्हन सर्च करते पाए गए।

क्विक कामर्स प्लेटफार्म पर बिरयानी, पिज्जा, कोल्ड ड्रिंक्स, मैगी, आलू भुजिया जैसे आइटम बड़ी संख्या में आर्डर किए गए। क्विक कामर्स प्लेटफार्म पर आर्डर करने के मामले में दिल्ली एनसीआर आगे निकल गया है।

क्विक कामर्स पर छा गए दिल्लीवासी

जोमैटो के प्लेटफार्म पर वर्ष 2024 में दिल्ली एनसीआर में 12.4 करोड़ आर्डर दिए गए जबकि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब व हरियाणा ने मिलकर 10.5 करोड़ आर्डर दिए। दिल्ली के एक ग्राहक ने तो पिछले साल अलग-अलग 1377 रेस्टोरेंट से अपने लिए खाना आर्डर किया।

इन आइट्मस की खूब रही डिमांड

जोमैटो पर पिछले साल सबसे अधिक बिरयानी, पिज्जा, चाय, काफी जैसे फूड आइटम की मांग रही तो ब्लिंकिट पर कोका कोला, थम्सअप, माजा, मैगी जैसे आइटम का बोलबाला रहा।

नए साल की पूर्व संध्या पर जोमैटो पर होने वाली खरीदारी के पहले दस आइटम में भी कंडोम शामिल पाया गया। पूर्व संध्या पर आलू भुजिया, क्रिस्पी चिप्स, स्लाइस केक, पापकार्न, सॉफ्ट ड्रिंक, नाचो चिप्स की जबरदस्त मांग रही।

ट्रेन में खाने के लिए सबसे अधिक आर्डर कानपुर सेंट्रल स्टेशन से किए गए। क्विक कामर्स के कारोबार को बढ़ता देख अब अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे बड़े ई-कामर्स कंपनियां भी क्विक कामर्स में आ रही है।

अब 10 मिनट में मिलेगी Ambulance, इस बड़ी E-commerce कंपनी ने लॉन्च की सर्विस

10 मिनट में राशन ही नहीं अब एंबुलेंस भी आपके घर पहुंचेगी। क्विक कॉमर्स कंपनी Blinkit ने अपनी नई इमरजेंसी सर्विस लॉन्च की है। फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म Zomato की सब्सिडियरी कंपनी ने अब रोजमर्रा के सामानों के साथ-साथ इमरजेंसी में एंबुलेंस सर्विस मुहैया कराने की पहल की है। कंपनी ने इस इमरजेंसी सर्विस को दिल्ली से सटे गुरुग्राम में शुरुआत की है। जल्द ही, इसे अन्य शहरों में भी शुरू की जाएगी। ब्लिंकिट के हेड अलबिंदर ढींडसा ने अपने आधिरकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के जरिए इस बात की घोषणा की है।

10 मिनट में एंबुलेंस

Blinkit के CEO और फाउंडर ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है, ’10 मिनट में एंबुलेंस’, शहरों में तेज और भरोसेमंद एंबुलेंस सर्विस पहुंचाने की दिशा में हमारा पहला कदम है। पहले 5 एंबुलेंस गुरुग्राम में आज यानी 2 जनवरी से सड़कों पर उपलब्ध रहेंगे। हम इस सर्विस को और भी एरिया में जल्द एक्सपेंड करेंगे। आप Blinkit ऐप के जरिए बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) वाले एंबुलेंस बुक कर सकते हैं।

बेसिक लाइफ सपोर्ट से होगा लैस

कई बार क्विक कामर्स और फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स की सोशल मीडिया पर आलोचना की जा चुकी है, जिसमें कई नेटिजन्स ने एंबुलेंस सर्विस लाने की सलाह दी गई है। हालांकि, अब ब्लिंकिट ने यह पहल करके अन्य क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को आईना दिखाने का काम किया है। ढींडसा ने अपने पोस्ट में बताया कि ब्लिंकिट के एंबुलेंस में बेसिक लाइफ सपोर्ट के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर, ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफ्रिब्रिलेटर (AED), स्ट्रेचर, मॉनिटर, सक्शन मशीन और जरूरी इमरजेंसी दवाईयां और इंजेक्शन मौजूद रहेंगे।

2 साल में हर बड़े शहरों में उपलब्ध

Blinkit के हर एंबुलेंस में एक पारामैडिक, एक असिस्टेंड और एक ट्रेंड ड्राइवर मौजूद रहेंगे, ताकि रोगियों को जरूरी मेडिकल सर्विस मिल सके। कंपनी के फाउंडर ने अपने पोस्ट में बताया कि उनका यह कदम मुनाफा कमाने के लिए नहीं है। हम इस सर्विस को अफोर्डेबल कॉस्ट पर उपलब्ध कराएंगे ताकि इस बड़ी परेशानी का लंबे समय तक निपटारा किया जा सके। कंपनी ने बताया कि अगले दो साल में देश के सभी प्रमुख शहरों में यह इमरजेंसी सर्विस उपलब्ध कराई जाएगी।